पुलिस हिरासत में मौत पुलिस और सरकार* *की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान — सुंदरानी

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रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुन्दरानी ने सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले के चंदौरा थाने में हिरासत में लिए गए एक युवक कृष्णा की मौत के मामले को प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए शर्मनाक बताया है। श्री सुन्दरानी ने कहा कि यह घटना दुरुस्त कानून-व्यवस्था के सरकारी दावों पर सवालिया निशान है।
भाजपा प्रवक्ता श्री सुन्दरानी ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रशासन पर कोई नियंत्रण रह नहीं गया है। पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिशोध के अपने अघोषित एजेंडे के लिए करने में मशगूल प्रदेश सरकार ने एक तो कानून-व्यवस्था की स्थिति को तार-तार कर दिया है, दूसरे पुलिस सिस्टम में लगातार तबादलों की गाज गिराकर प्रदेश सरकार एक तरह का प्रशासनिक आतंकराज कायम कर रही है, जिसका खामियाजा प्रदेश के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। श्री सुन्दरानी ने कहा कि पुलिस प्रशासन के आला अफसरों की उदासीनता के चलते इस तरह की घटनाएं घट रही हैं। हालत यह है कि पीड़ितों की एफआईआर दर्ज करने के लिए टीआई हवलदार खुलेआम रिश्वत की मांग भी कर रहे है। यह शर्मनाक है कि पुलिस प्रशासन बड़े-बड़े अपराधों को तो रोक नहीं पा रहा है, वहीं छोटे-मोटे अपराधों में संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ के नाम पर इस तरह प्रताड़ित कर रहा है और संदेही की मौत हो जा रही है ।
भाजपा प्रवक्ता श्री सुन्दरानी ने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, तब से अपराधों का ग्राफ तो बढ़ा ही है, पुलिस प्रशासन का खौफ भी बढ़ता जा रहा है। उन्होंने चंदौरा के इस समूचे प्रकरण और धमतरी सिटी कोतवाली में रिश्वतखोरी के मामले में टीआई, थाना प्रभारी समेत 10 पुलिस कर्मियों के निलंबन की कार्रवाई को अपर्याप्त बताया। उन्होंने मांग की कि इन मामलों की सूक्ष्म जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि चंदौरा में बिना गिरफ्तारी दर्ज किए आखिर मृतक को किस आधार पर हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया गया था?

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