परिवार नियोजन के लिए छाया व अंतरा के हितग्राहियों को महापौर ने बांटे प्रमाण पत्र, स्टॉल लगाकर दी गई परिवार नियोजन की जानकारी

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रायपुर —  आज यानी विश्व जनसँख्या दिवस पर स्कूली छात्रों व मितानिनों ने खो खो पारा की बस्तियों में जागरूकता रैली निकाली गयी।
वहीं छत्तीसगढ स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में जनसँख्या स्थरीकरण पखवाडा स्वास्थ केन्द्रों में मनाया गया। इसी कड़ी में राजधानी के पुरानी बस्ती शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खो खो पारा में भी जिला स्वास्थ्य समिति व मुख़्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारी द्वारा जनसँख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा आयोजित किया गया। यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए जनसंख्या स्थिरता का संदेश दिया गया। कला जत्था के कलाकारों ने गीत संगीत व नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करके परिवार नियोजन के फायदे बताएं। जनसंख्या वृद्धि को रोकने के उपाय बताकर जनसंख्या स्थिरीकरण के महत्व के बारे में भी बताया गया।


इस अवसर पर स्टाल लगाकर लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के उपाय बताये। साथ ही लोगों को संदेश दिया गया कि अगर बढ़ती जनसंख्या पर लगाम नहीं लगायी गयी तो रोटी, कपड़ा, मकान के साथ जल, ज़मीन और पानी के लिए तरसना पड़ सकता है। नर्सिंग छात्रों द्वारा जागरूकता के लिए पोस्टर व निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गयी।
कार्यक्रम के मुख़्य अतिथि महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि जिस देश, प्रदेश, शहर की जनसंख्या जितनी बढ़ेगी उतनी ही समस्याओं का सामना जनता को करना पड़ेगा । उन्होंने कहा कि छोटा परिवार सुखी परिवार सिर्फ नारा नहीं है बल्कि इसे अपना कर जीवन व परिवार को होने वाले आर्थिक संकट से मुक्ति पाया जा सकता है। आज इंटरनेट व स्मार्ट फोन के जमाने में हमें लोगों को फेसबुक, व्हाट्सएप के माध्यम से जागरूक करने की आवश्यकता है। आज हर कोई मां बाप अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ना और निजी अस्पताल में ही इलाज कराना चाहते हैं। लेकिन ज्यादा बच्चे होने पर आर्थिक बोझ उठाना सम्भव नहीं होता। इसलिए छोटा परिवार रखना आज जरूरी हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि बढ़ती जनसंख्या पर चिंता का विषय है।प्रति वर्ष विश्व की जनसंख्या में लगभग 83 मिलियन लोग और जुड़ जाते हैं। यदि देश में जनसंख्या की रफ्तार यही रही तो आने वाले वर्षों में भारत चीन से आगे निकल जाएगा। इस समय चीन (1.4 अरब) और भारत (1.3 अरब) वैश्विक जनसंख्या में क्रमश: 19 प्रतिशत और 18 प्रतिशत का योगदान हैं।
सीएमएचओ डॉ. केआर सोनवानी ने बताया विश्वभर में जनसंख्या संबंधी मुद्दों की गंभीरता और महत्व पर ध्यान दिलाने के लिए प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। विश्व की जनसंख्या पांच अरब पहुंचने पर 11 जुलाई 1987 को कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसके बाद 1989 से हर वर्ष 11 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की शासकीय परिषद की ओर से कार्यक्रम का आयोजन करना शुरू किया गया।
इस मौके पर महापौर ने परिवार नियोजन के लिए अस्थायी साधन अंतरा व छाया अपनाने वाले दंपति की हितग्राही महिलाओं को प्रमाण पत्र का वितरण किया।

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