प्रियंका गांधी सोनभद्र के पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए अड़ी , फिर बैठी धरने पर
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को शुक्रवार को सोनभद्र जाने से रोक दिया गया जहां इस हफ्ते 10 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस पर वह सड़क पर ही पाल्थी मारकर बैठ गईं और जोर देने लगीं कि उन्हें आगे जाने की इजाजत दी जाए। इसके बाद वहां मौजूद अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और उन्हें एक अतिथि गृह ले जाया गया। प्रशासन के आला अधिकारियों ने बाद में उन्हें मनाने की काफी कोशिश की, मगर वह पीड़ित के परिजनों से मिलने देने या फिर जेल भेजने की बात पर अड़ गयीं। उन्होंने वारदात में मारे गये लोगों के परिजन को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा और जमीन पर मालिकाना हक दिए जाने की भी मांग की। सोनभद्र गोलीकांड को लेकर सियासी सरगर्मियों में शुक्रवार को आई तेजी के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के दूसरे नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रियंका को “अवैध” रूप से गिरफ्तार किया गया और उत्तर प्रदेश सरकार लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश कर रही है जबकि स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि राज्य के मिर्जापुर जिले के नारायणपुर में उन्हें हिरासत में लिया गया। मामले के सुर्खियों में आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्याय का वादा किया और कहा कि घोरावल में तैनात रहे एसडीएम, क्षेत्राधिकारी और निरीक्षक को जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर निलंबित कर दिया गया है। बीट सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को भी निलंबित किया गया है।आदित्यनाथ ने सदन में दिये गए बयान में कहा कि इसके अलावा ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त और उसके भाई समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) के नेतृत्व में एक समिति भी गठित की गई है जो 10 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।सोनभद्र के घोरावल इलाके में बुधवार को ग्राम प्रधान और गोंड आदिवासियों के बीच जमीन के एक टुकड़े को लेकर हुए संघर्ष में 10 लोगों की हत्या हो गई थी जबकि 18 अन्य घायल हो गए थे। दत्त के समर्थकों ने कथित रूप से आदिवासियों पर फायरिंग की थी। प्रियंका सोनभद्र गोलीकांड में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए वाराणसी के एक अस्पताल पहुंचीं और इसके बाद यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर सोनभद्र के लिये रवाना हुईं। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका को वाराणसी-मिर्जापुर सीमा पर रोक दिया गया। इस पर प्रियंका धरने पर बैठ गईं जिसके बाद उन्हें चुनार अतिथि गृह ले जाया गया। सोनभद्र के उप महानिरीक्षक पीयूष कुमार श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा को बताया कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस के अन्य सदस्यों को नारायणपुर में “रोका और हिरासत” में लिया गया। उस समय वह सोनभद्र जा रहीं थीं। डीआईजी ने कहा कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक चुनार अतिथि-गृह में उनसे चर्चा कर रहे हैं जिससे उन्हें सोनभद्र न जाने के लिये तैयार किया जा सके। डीआईजी ने कहा कि सोनभद्र जिले के घोरवाल इलाके में निषेधाज्ञा लागू है और गाड़ियों की सघन तलाशी हो रही है और लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है। प्रियंका के साथ अतिथि गृह लाये गये प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार सिंह लल्लू ने बताया हम कह रहे हैं कि या तो आप हमें जेल भेज दीजिये नहीं तो पीड़ित परिजन से मिलने दीजिये।
अंतिम समाचार मिलने तक इसे लेकर गतिरोध जारी था।इससे पहले, प्रियंका ने धरने के दौरान कहा कि वह सोनभद्र में हुई वारदात में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से जा रही थीं लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। वह चाहती हैं कि उन्हें जाने से रोकने का लिखित आदेश दिखाया जाए।उन्होंने कहा सोनभद्र में धारा 144 लागू है, मिर्जापुर में नहीं। मैंने प्रशासन से कहा था कि मैं पीड़ितों से मिलने के लिए सिर्फ 4 लोगों के साथ भी सोनभद्र जाने को तैयार हूं, मगर इसके बावजूद ना जाने क्यों हमें रोक लिया गया।’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सोनभद्र में जिन लोगों पर गोलियां बरसायी गयीं, उनका क्या कुसूर था? अपने अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ी बस, अपनी जमीन जो पुश्तों से वे जोत रहे थे, उसको हड़पा जा रहा है।वारदात में मारे गये लोगों के परिजन को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा। जमीन पर मालिकाना हक मिलना चाहिये। वहीं दिल्ली में पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने अपनी बहन के खिलाफ कार्रवाई को “अवैध गिरफ्तारी” करार दिया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सोनभद्र में प्रियंका की गैरकानूनी गिरफ्तारी परेशान करने वाली है। वह उन 10 आदिवासियों के परिवारों से मिलने जा रही थीं जिनकी अपनी जमीन छोड़ने से इनकार करने पर निर्मम हत्या कर दी गई। उन्हें रोकने के लिए सत्ता का मनमाने ढंग से इस्तेमाल किया गया है। इससे भाजपा सरकार की बढ़ती असुरक्षा का पता चलता है।’’
कांग्रेस महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से रोकने पर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कार्रवाई लोकतंत्र का “खुलेआम अपमान” है। उन्होंने ट्वीट में कहा, “उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा प्रियंका गांधी जी को सोनभद्र जाने से रोकना खुलेआम लोकतंत्र का अपमान है। पीड़ित परिवार से मिलना और संवेदना व्यक्त करना हर जनप्रतिनिधि का प्रथम कर्तव्य है; ऐसे में सरकार ने लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया है जो अत्यंत निंदनीय है।”कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को “अपराध प्रदेश” बना दिया है। उन्होंने एक ट्वीट कर पूछा, “क्या श्रीमती प्रियंका गांधी को गिरफ़्तार कर, चुनार में नज़रबंद कर, सोनभद्र के आदिवासी परिवार के 10 सदस्यों की हत्या पर पर्दा डाल पाएगी आदित्यनाथ सरकार?” इस घटनाक्रम पर टिप्पणी मांगे जाने पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, “सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ही जिम्मेदारी है कि किसी भी दुखद घटना के बाद वहां उत्तेजना ना फैलने दें। विपक्ष को लोगों में बंधुत्व बढ़ाने में सरकार की मदद करनी चाहिए।”वहीं तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी इस मुद्दे पर शनिवार को पीड़ितों से मिलेगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल में डेरेक ओब्रायन, सुनील मंडल, अबीर रंजन बिश्वास और उमा सरन होंगे। सुबह वाराणसी हवाई अड्डे पहुंचने के बाद प्रतिनिधिमंडल सड़क मार्ग से सोनभद्र के लिये रवाना होगा।