छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ के संकल्प के साथ अच्छा काम किया है — कांग्रेस

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रायपुर — अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद कुमार साय के द्वारा छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार की आदिवासियों के प्रति सदाशयता की बात कहने का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय के द्वारा भूपेश बघेल जी की सरकार के आदिवासी हितैषी होने की बड़ी बात कही गई है। नंदकुमार साय द्वारा कही गई यह बात आदिवासी संरक्षण के लिए बनाए गए देश के सबसे बड़े और प्रमुख संवैधानिक निकाय अनुसूचित जनजाति आयोग के प्रमुख का बयान है। जो लोग भूपेश बघेल की सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का झूठा आरोप लगाते हैं, ऐसे हर आरोप का इससे बेहतर खंडन नही मिल सकता। अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने जो कुछ कहा है, उनकी भावनाओं को भाजपाई समझने का प्रयास करें। यदि भाजपाई एक सच्चे आदिवासी नंदकुमार साय की मनोभावना को समझ जायेंगे तो कांग्रेस सरकार पर झूठे आरोप लगाने की स्तरहीन राजनीति बंद कर दें।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि लोहाण्डीगुड़ा (बस्तर) में उद्योग नहीं लगाने पर टाटा से जमीन वापस लेकर आदिवासियों को लौटाया, 4200 एकड़ जमीन वापस, राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज, कार्यवाही पूर्ण। देश में सबसे ज्यादा तेन्दूपत्ता मजदूरी 4000 रू. प्रति मानक बोरा। अब 15 वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर। फूड पार्क का शिलान्यास। बस्तर सरगुजा में कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन-घोषणा। भोपालपट्नम में लगेगा बांस आधारित कारखाना, 5वीं अनुसूची के जिलों में बस्तर, सरगुजा संभाग तथा कोरबा जिले में तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय लोगों की भर्ती हेतु आयु में 3 वर्षो की छूट आदेश जारी। एनएमडीसी के नगरनार प्लांट में ग्रुप सी तथा डी की भर्ती परीक्षा दंतेवाड़ा में ही कराने को लेकर एनएमडीसी को कराया सहमत। नक्सल पीड़ित युवा बेरोजगारों को डीएमएफ मद से बीएड की डिग्री पूर्ण होने पर मिलेगा रोजगार। बस्तर तथा सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरणों में पहले मुख्यमंत्री ही अध्यक्ष होते थे, अब स्थानीय विधायकों को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का पद। इंद्रावती नदी विकास प्राधिकरण का गठन। बस्तर में होगी आदिवासी संग्रहालय की स्थापना। डीएमएफ मद की राशि का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पेयजल, रोजगार, खाद्य प्रसंस्करण, संस्कृति संरक्षण, हितग्राही मूलक कार्यो को बढ़ावा देने एवं कुपोषण दूर करने के लिये। अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिये 16 हजार करोड़ रू. का प्रावधान। पिता के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के साथ मिलेगा जाति प्रमाण पत्र। आदिवासी अंचलों में कुपोषण एनीमिया से पीड़ित शत्-प्रतिशत महिलायें एवं बच्चों को प्रतिदिन पौष्टिक भोजन कराने की व्यवस्था। सभी हाट बाजारों में मिलेगी चिकित्सा सुविधा। बस्तर संभाग के प्रति परिवार को चने के साथ निःशुल्क 2 किलो गुड़। वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि (मृत्यु होने पर) क्षतिपूर्ति सहायता राशि 4 लाख रू. से बढ़ाकर 6 लाख रू.। सरगुजा में नये 100 बिस्तर जिला चिकित्सालय हेतु 135 पदों का सृजन। तोंगपाल, गादीराम एवं जगरगुण्डा को उप-तहसील का दर्जा।

 

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