किन्नरों के अंतिम संस्कार से जुड़े वो सच जिन्हें जानकर आपकी रूह काँप जायेगी

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यदि हम लोगो से पूंछे की वे किन्नरों के बारे में कितना जानते है तो बहुत ही कम लोग इसके बारे में बता पाएंगे | हमारे समाज से हुबहू जुड़े रहने के बाद भी हमसे कितना अलग है किन्नर समाज यह आप बिलकुल भी नही जानते होंगे |किन्नरों की दुनिया आम आदमी की दुनिया से हर मायने में अलग होती है इनके रीति-रिवाज़ और संस्कार भी बहुत ही अलग होते है | ऐसे ही रहस्यों के कारण आज हम आपको बताने जा रहे है किन्नरों के अंतिम संस्कार से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जिन्हें जानकर आपको आश्चर्य होगा |

1. किन्नरों के अंतिम संस्कार को पूर्ण रूप से गोपनीय रखा जाता है,बाकी सभी धर्मों से ठीक उलट किन्नरों की अंतिम यात्रा दिन की जगह रात में निकाली जाती है।

2. किन्नरों के अंतिम संस्कार को गैर-किन्नरों से छिपाकर किया जाता है। इनकी मान्यता है की अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले, तो मरने वाले का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होगा।

3. वैसे तो किन्नर हिन्दू धर्म की कई रीति-रिवाजों को मानते हैं, लेकिन इनके शव को जलाया नहीं जाता। इनकी बॉडी को दफनाया जाता है।

4.अंतिम संस्कार से पहले बॉडी को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है,ऐसी मान्यता है की इससे उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो जाता है।

5.किन्नर समुदाय में किसी की मौत होने के बाद किन्नर अगले एक हफ्ते तक खाना नहीं खाते।

6.आपको जानकर आश्चर्य होगा कि किन्नर समाज अपने किसी सदस्य की मौत के बाद मातम नहीं मनाते। इसके पीछे ये वजह है कि मौत के बाद किन्नर को नरक रूपी जिन्दगी से से मुक्ति मिल गई।

7 .मौत के बाद किन्नर समाज खुशियां मनाते हैं और अपने अराध्य देव अरावन से मांगते हैं कि अगले जन्म में मरने वाले को किन्नर ना बनाएं।

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