10 सितम्बर : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस, स्वास्थ्य विभाग करेगा कई कार्यक्रम आयोजित

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रायपुर —  विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस -10 सितम्बर – के उपलक्ष्य में प्रदेश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगें। इनका उद्देश्य आत्महत्या की रोकथाम के लिए समुदाय को जागरूक करना है।
डॉ महेंद्र सिंह, उप संचालक, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिख कर निर्देशित किया है कि 9 से 14 सितम्बर तक जिले में जन जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यक्रम आयोजित करें। इनमें मनोरोगियों की पहचान एवं उपचार, जेल में मानसिक स्वास्थ्य के लिए शिविरों का आयोजन, जागरूकता चौपाल, और आत्महत्या रोकथाम संबंधित जागरूकता के लिए वाद-विवाद, पम्पलेट, बैनर और पोस्टर लगवाना शामिल है।
इस दौरान रेडियो जिंगल, सामुदायिक बैठकें, माइकिंग, वाल पेंटिंग और लोकल सिनेमा में प्रचार प्रसार भी शामिल है।
देश में पांच सर्वाधिकआत्महत्याओं वाले प्रदेशों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है । प्रदेश में 27.7 प्रति 100,000 लोग आत्महत्या करते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एन सी आर बी) 2015 के आंकड़ों के अनुसार यह देश में अधिकतम आत्महत्याओं वाले प्रदेशों में से एक है और देश की औसत से भी ज्यादा है। दुर्ग-भिलाई नगर में यह आंकड़ा 34.9/100,000 जबकि भारत का यह आंकड़ा केवल 10.6 है ।
आत्महत्या या आत्महत्या की कोशिश विभिन्न कारणों से की जाती है – घरेलू समस्याओं से लेकर नशा करने तक या परीक्षाओं में असफलता और प्रेम प्रसंग।
छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में आत्महत्याओं को कम करने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। महासमुंद जिले में जिला अधिकारी की पहल पर “नवजीवन’’ कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसके तहत आत्महत्या के बारे में जागरूकता बढ़ाना, तनाव को कम करना, समुदाय में मानसिक विकारों की पहचान और उपचार करवाना, और युवाओं में तनाव प्रबंधन के कार्यक्रम स्कूलों और कालेजों में करवाए जा रहे हैं।
इसके अलावा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग मीडिया के साथ भी आत्महत्या की दर में कमी लाने के लिए काम कर रहा है ।

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