शर्म इनको आती नही और बत्तीमीजी इनकी जाती नही ।
अस्पताल में अधनंगे, अश्लील गाने गाकर मांगते नर्सों से बीड़ी-तंबाकू, मामला दर्ज... गाजियाबाद , 3 अप्रैल 2020 -- चारों...
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नई दिल्ली , 2 अप्रैल 2020 -- देश में कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है। पिछले 24 घंटे...
छत्तीसगढ़ के जिला दुर्ग के लगभग 20 श्रमिक फंसे हैं राउरकेला में ओड़िसा , 30 मार्च 2020 -- ओड़िसा के...
बीकानेर, 27 मार्च 2020 -- विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा केारोना संक्रमण को महामारी घेाषित करने तथा इसे...
नई दिल्ली ,11 फरवरी 2020 -- दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों की स्थिति लगभग साफ होने लगी है। चुनाव आयोग...
लखनऊ, 10 फरवरी 2020 -- उत्तर प्रदेश में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की व्यापकता की गंभीरता के मद्देनजर एनएचएम, यूपी सरकार...
जिला पुलिस की पहल, तंबाकू मुक्त बनेगा जिला खोरदा ,28 जनवरी 2020 -- जिले भर में तम्बाकू व...
अहमदाबाद, जनवरी, 2020 -- भारत के सबसे बड़े पोर्ट डेवलपर, ऑपरेटर और अदाणी समूह की लॉजिस्टिक्स कंपनी, अदाणी पोर्ट्स...
प्रयागराज के पुलिस अधिकारियों ने केाटपा पर लिया प्रशिक्षण, जाने तंबाकू के दुष्परिणाम प्रयागराज 4 जनवरी -- प्रयागराज जिले के...
आंध्र प्रदेश में 80 लाख लोग तंबाकू उपयेागकर्ता आंध्रप्रदेश-- तिरुपति को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए प्लेज फॉरलाइफ तंबाकू मुक्त युवा अभियान का आगाज किया गया है, जिसमें राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवक अह्म रोल अदा करेंगे।इसके लिए 16 हजार से अधिक युवा विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करेगे। श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय (एसवीयू), तिरुपति ने शुक्रवार को आर्ट्स ब्लॉक सभागार में एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों के लिए प्लेज फॉर लाइफ तंबाकू मुक्त युवा अभियान पर एक दिवसीय जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय की लगभग 60 एनएसएस इकाइयों ने भाग लिया। कार्यशाला में एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने खुद को तंबाकू से दूर रखने और दूसरों को भी इस घातक लत से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया। एसवीयू में लगभग 160 एनएसएस इकाइयां और 16,000 स्वयंसेवक हैं। संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) और टाटा ट्रस्ट द्वारा समर्थित श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर एंड एडवांस्ड रिसर्च (एसवीआईसीसीएआर), तिरुपति ने आंध्र प्रदेश में यह अभियान शुरू किया है। यह अभियान वर्तमान में असम, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और दिल्ली राज्यों में चल रहा है। प्लेज फॉर लाइफ- टोबैको फ्री यूथ कैंपेन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से प्रेरित है और केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा समर्थित है। यह अभियान युवाओं को तंबाकू का उपयोग करने से रोकने और दूसरों को तंबाकू सेवान न करने के लिए हतोत्साहित करने की निवारक रणनीतियों पर केंद्रित है। आंध्र प्रदेश में 80 लाख लोग तंबाकू उपयेागकर्ता उल्लेखनीय है कि ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे (गेट्स) -2 के अनुसार, आंध्र प्रदेश में 80 लाख लोग तंबाकू का उपयोग करते हैं, जिसमें से 56 लाख धूम्रपान करते हैं। 30.0 प्रतिशत पुरुष, 10.1 प्रतिशत महिलाएं और 20.0 प्रतिशत सभी वयस्क या तो धूम्रपान करते हैं या धूम्रपान रहित तम्बाकू का उपयोग करते हैं। तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण राज्य में हर साल 48,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं की असामयिक मृत्यु हो जाती है और हर दिन 250 से अधिक बच्चों को तम्बाकू का सेवन शुरू करते हैं। कार्यशाल में एसवीआईसीसीएआर के रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. गौतम ने कहा कि तम्बाकू दुनिया की मौत का प्रमुख है और यह रोके जाने योग्य कारण है। भारत में प्रति वर्ष 13.50 लाख लोग तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण मर जाते हैं। तंबाकू मुनष्य के शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि पुरुषों में सभी कैंसर का 50 प्रतिशत और महिलाओं में 25 प्रतिशत तम्बाकू के कारण होता है। भारत में तंबाकू, कार्डियो-वैस्कुलर, श्वसन और कैंसर के कारण होने वाली सिर्फ तीन बीमारियों की पर प्रति वर्ष 104,500 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सबसे ज्यादा परेशान करने वाला तथ्य यह है कि हर दिन 5500 बच्चे तंबाकू का सेवन शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब कैंसर का पता कम उम्र में लगाया जा रहा है और इसका एक कारण तंबाकू उत्पादों का व्यापक उपयोग है। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में तम्बाकू का उपयोग शुरू करता है, तो उसे इसे छोड़ पाना मुश्किल होता है और पूरे जीवन में इस लत छोड़ने की संभावना कम होती है। चूंके, तम्बाकू की लत में छोड़ने की दर बहुत कम है, इसलिए अधिक से अधिक प्रयास युवाओं में को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने की दिशा में होना चाहिए। ” एसवीयू के एनएसएस समन्वयक प्रो. जी पद्मनाभम ने कहा, “यह हमारी युवा पीढ़ियों को तंबाकू के खतरे से बचाने के सामाजिक कारण की एक बेहतरीन पहल है। युवाओं को तंबाकू विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। यह प्रयास समाज में एक सकारात्मक सामाजिक और आचरण परिवर्तन की ओर ले जाएंगे। अगर छात्रों को तंबाकू की पेशकश की जाती है तो उन्हें तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों को श्नश् कहने <span lang="EN-IN" style="font-family:"Nirmala UI",sans-se