मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर दिए सुझाव
देश में प्याज की आपूर्ति के लिए बफर स्टाक रखने और फौरी राहत के लिए रिटेल काउण्टर खोलने का किया आग्रह
छत्तीसगढ़ में टमाटर उत्पादक किसानों को उचित मूल्य दिलाने प्रोसेसिंग यूनिट लगाने लगाने वाले उद्यमियों को भारत सरकार की ओर से रियायत प्रदान करने का किया अनुरोध
रायपुर 29 नवंबर 2019 — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में दैनिक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकर्षित कराया है। उन्होंने कहा है कि प्याज, टमाटर और दाल जैसी वस्तुएं हर व्यक्ति के दैनिक आहार में शामिल हांेती है। इसकी लगातार बढ़ रही कीमतों से मध्यम वर्ग और विशेषकर गरीब वर्ग के लोगों को कठिनाई हो रही है। मुख्यमंत्री ने इन वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए राज्य में किए जा रहे उपायों की जानकारी देते हुए दैनिक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण के लिए भारत सरकार को तात्कालिक और दीर्घकालिक उपायों के संबंध में सुझाव भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने सस्ते दर पर प्याज उपलब्ध कराने राज्य के प्रमुख नगरों में नाफेड के माध्यम से रिटेल काउंटर प्रारंभ करने और बफर स्टाक बनाने के साथ प्याज उत्पादक किसानों को सब्सिडी सहित अनेक सुझाव दिए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में टमाटर उत्पादक किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए राज्य में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने वाले उद्यामियों को केन्द्र सरकार की ओर से रियायत प्रदान करने का भी आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य सहित देश के आम लोगों के दैनिक जीवन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण समस्या की ओर मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूॅ। प्याज, दाल, टमाटर एवं अन्य दैनिक आवश्यक वस्तुओं के खुले बाजार में मूल्य वृद्धि से आम लोग, विशेषकर गरीब परिवारों के लिए जीवन-यापन करना कठिन हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में अप्रैल 2019 में प्याज का रिटेल भाव 20 रूपए प्रतिकिलो था जो बढ़कर वर्तमान में 75 रूपए प्रतिकिलो हो गया है।
मुख्यमंत्री ने खुले बाजार में प्याज के बाजार भाव की सतत् निगरानी तथा जमाखोरी को रोकने एवं आम लोगों को उचित मूल्य पर प्याज उपलब्ध कराने हेतु राज्य शासन द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ आवश्यक वस्तु व्यापारी (अनुज्ञापन तथा जमाखेरी पर निर्बंधन) आदेश, 2019 के अंतर्गत प्याज के थोक व्यापारी हेतु 500 क्विंटल तथा कमीशन एजेंट हेतु 100 क्विंटल की अधिकतम स्टाॅक लिमिट निर्धारित की गई है। राज्य के 5 जिलों में कार्यरत प्राईस माॅनिटरिंग सेल तथा राज्य मुख्यालय के प्राईस माॅनिटरिंग सेल के जरिए प्याज सहित 22 आवश्यक वस्तुओं के थोक एवं रिटेल बाजार भाव की सतत् निगरानी की जा रही है। प्याज के थोक व्यापारियों के साथ जिला प्रशासन के समन्वय से रायपुर शहर में 7 रिटेल केन्द्र स्थापित कर 70 रूपए प्रतिकिलो की दर से वर्तमान में प्याज का विक्रय कराया जा रहा हैै।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि इन प्रयासों के बावजूद प्याज के थोक बाजार भाव में निरंतर वृद्धि बनी हुई है। छत्तीसगढ़ राज्य प्याज की कमी वाला राज्य है तथा राज्य में प्याज की मासिक आवश्यकता 30,000 टन है। राज्य में प्याज की आपूर्ति महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश एवं कर्नाटक राज्य से होती है तथा इन राज्यों में प्याज के थोक भावों में वृद्धि तथा मांग अनुसार आपूर्ति न हो पाने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य में प्याज के मूल्य में अगस्त माह से निरंतर वृद्धि हो रही है। इसी प्रकार टमाटर के भावों में भी समय-समय पर अप्रत्याशित वृद्धि परिलक्षित होती है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में आम जनता को मूल्य वृद्धि से राहत दिलाने के लिए केन्द्र को त्वरित उपायों के रूप में भारत सरकार के पास प्याज के उपलब्ध बफर स्टाॅक में से नाफेड के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य के सभी प्रमुख नगरों में रिटेल काउण्टर खोलकर रियायती दर पर आम लोगों को प्याज का विक्रय करने का सुझाव दिया है। इसी तरह उन्होंने छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों की आवश्यकता का आकलन कर अन्य देशों से प्याज का तत्काल आयात करने का भी सुझाव दिया है ताकि मांग एवं आपूर्ति में आए अंतर के कारण खुले बाजार में प्याज के मूल्य में हुई वृद्धि को नियंत्रित किया जा सके।
बघेल ने दीर्घकालीन उपायों के तहत देश में प्याज की वार्षिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्याज के उत्पादन मंे वृद्धि को भारत सरकार द्वारा बढ़ावा दिए जाने और प्याज उत्पादक किसानों को प्याज की खेती हेतु कृषि आदान लागत में कमी लाने हेतु सब्सिडी देने का सुझाव दिया है। उन्होंने लिखा है कि प्याज के अवैज्ञानिक भंडारण अथवा समुचित भंडारण सुविधा के अभाव मंे प्रतिवर्ष प्याज की बड़ी मात्रा खराब हो जाती है, जिसके कारण भी इसके कृत्रिम अभाव की स्थिति निर्मित होती है। अतः प्याज के वैज्ञानिक भंडारण हेतु भारत सरकार द्वारा देश के सभी प्याज उत्पादक राज्यों में आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक वर्ष भारत सरकार द्वारा किसानों से प्याज की सरकारी खरीदी कर न्यूनतम 5 लाख टन का बफर स्टाॅक का निर्मित करने तथा प्याज के कमी वाले महिनों विशेषकर मानसून के सक्रिय रहने से लेकर आगामी फसल के बाजार में आने तक, बफर स्टाॅक मंे से खरीदी दर पर प्याज राज्यों को वितरण हेतु उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि भारत सरकार के पास प्याज का बड़ा बफर स्टाॅक उपलब्ध होने की स्थिति मंे खुले बाजार में प्याज की जमाखोरी एवं कालाबाजारी की आशंका समाप्त हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में टमाटर की प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की आवश्यकता बताते हुए पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य मंे लगभग 64 हजार हेक्टेयर क्षेत्र मंे टमाटर की खेती होती है तथा प्रतिवर्ष 11 लाख टन का उत्पादन होता है। किन्तु राज्य में टमाटर संबंधी प्रोसेसिंग यूनिट के अभाव में टमाटर उत्पादक किसान को बम्पर फसल की स्थिति में उचित मूल्य सुनिश्चित नहीं हो पाता है। भारत सरकार द्वारा राज्य में टमाटर की फसल को बढ़ावा देने तथा किसानों को इसका उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने वाले उद्यमियों को विशेष रियासत और सब्सिडी दी जानी चाहिए। श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि इन तात्कालिक एवं दीर्घकालीन सुझावों से छत्तीसगढ़ सहित देश के सभी राज्यों में प्याज, टमाटर एवं अन्य दैनिक उपभोग की आवश्यक वस्तुओं की मांग अनुसार उचित आपूर्ति संभव होगी तथा किसानो को भी उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित होगा।