भाजपाई पहले गोडसे मुर्दाबाद का नारा तो लगायें — शैलेश नितिन
रायपुर/15 फरवरी 2020 — भाजपा के नेता पुनिया जी के बयान पर आपत्ति करने के पहले यह तो बताएं कि वे गोडसे को बुरा मानते हैं या मोदी जी को बुरा मानते है?
अगर गोडसे को बुरा मानते हो तो भाजपा के नेता पहले नारा लगायें कि गोडसे मुर्दाबाद। रायपुर की पत्रकारवार्ता में मोदी की गोडसे से तुलना करते हुये पुनिया जी ने तो एक दृष्टांत मात्र दिया था।
भाजपा के सांसद साध्वी प्रज्ञा और साक्षी महाराज जैसे नेता गोडसे को देशभक्त कहते है। फिर भाजपा नेताओं को पुनिया जी द्वारा गोडसे और मोदी के संबंध में दृष्टांत देने पर किस बात पर आपत्ति क्यों है?
भाजपा नेताओं ने इस टिप्पणी को अभद्र मान मानते हुए विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है जो उनका अधिकार है। इस विरोध प्रदर्शन में जो बड़ी बात उभर के सामने आ रही है कि गोडसे का मंदिर बनाने वाले गोडसे जिंदाबाद कहने वालों ने गोडसे को देशभक्त कहने वालों की पार्टी ने अंततः गोडसे कहे जाने को अभद्र मानकर वास्तविकता को स्वीकार कर लिया है।
भाजपा पहले गोडसे मुर्दाबाद का नारा तो लगाये। अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के मामले में एक पत्रकारवार्ता के दौरान एआईसीसी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया जी ने तो मोदी और गोडसे को लेकर केवल एक दृष्टांत दिया था। भाजपा यह तो बतायें कि बुरा क्या लगा?
जयवीर शेरगिल को धमकी दिये जाने की कांग्रेस ने की कड़ी निंदा
करंट लगाने और गोली मारने वाले अब दुष्कर्म और हत्या की धमकियां देने पर उतर आये
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने 2018 के विधानसभा चुनावों में हमारे साथ छत्तीसगढ़ में भाजपा को उखाड़ फेंकने में अहम् भूमिका निभाई थी।
श्री जयवीर शेरगिल को इमेल भेजकर हत्या और परिवारजनों के साथ दुष्कर्म जैसी ओछी निम्नस्तरीय धमकी की कांग्रेस कड़ी निंदा करती है।
करंट लगाने और गोली मारने की धमकियां देने वालो ने अब हत्या और दुष्कर्म की धमकियां देना शुरू कर दिया है।
जयवीर शेरगिल ने पुलवामा के शहीदों के परिवारजनों के साथ न्याय की बात उठाई है। 14 फरवरी 2020 शुक्रवार को एआईसीसी के मुख्यालय में पत्रकारवार्ता कर पुलवामा मामले में मोदी सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुये सवाल खड़े किये जो धमकी देने वालों को नागवार गुजरा है।