आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृहभ्रमण कर गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को कर रहीं जागरूक ।

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रायपुर, 27 अगस्त 2020 — राजधानी में कोविड-19 से लोगों को बचाने के लिए फ्रंट लाइन वारियर्स के रुप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगातार सर्वे कार्य और हितग्राही मूलक योजना को क्रियांवित करने में जुटी हुई हैं। कोविड-19 से बचाव और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जरूरी उपायों की जानकारी देते हुए रोज घरों में पहुंच कर गर्भवती महिलाओं व शिशुवती माताओं को जागरुक कर रही है। गुढियारी सेक्टर के नया तालाब आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता श्रीमती अर्चना चक्रवती ने आज गृहभेंट के दौरान माताओं को नवजात शिशुओं की देखभाल कैसे करनी है के बारे में बताया ।
गृहभ्रमण में शिशुवती माता दुर्गावती पटेल के घर पहुंच कर उन्होंने 2 माह के बच्चे को स्तनपान कराने को लेकर एवं कंगारू मदर केयर के सम्बंध में जानकारी दी। दुर्गावती ने बताया, सीजेरियन डिलवेरी होने के बाद अब 2 माह की बेबी को स्तनपान कराने में दिक्कतें आ रही है। मां का दूध पर्याप्त नहीं आने से बच्चे का पेट आधा ही भरता है। जबकि शिशुओं को 6 माह तक केवल स्तनपान की सलाह ही बतायी जाती है।
दुर्गावती ने शिशु को बाहरी दूध देना शुरु किया था लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अर्चना चक्रवर्ती द्वारा शिशुवती माता दुर्गावती पटेल को स्तनपान को लेकर होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए पर्याप्त पानी और भोजन में पोषक तत्वों युक्त आहार लेने की सलाह दी । इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र में मिलने वाली रेडी-टू-ईट का नियमित सेवन भी करने को कहा ।
शिशुवती को मां के दूध बनने के लिए शरीर को जरुरत पड़ने वाले तत्वों व समय-समय पर आहार की प्रक्रिया व मां का सही रूप से बैठकर बच्चे को छाती से लगाकर दूध पिलाने की विधि बताई गई। इससे 15 से 30 दिन में ही शिशुवती माता को पर्याप्त दूध आने लगा है साथ ही बच्चे को स्तनपान से वंचित होने से भी बचाया गया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा महिलाओं को स्तनपान से जुड़ी सभी बातों के चित्र दिखाकर समझाया जाता है । अब दुर्गावती को बाहर का दूध खरीदकर शिशु को पिलाने की जरुर नहीं पड़ेगी। कई बार गृहभ्रमण कर समझाने के बाद दुर्गावती ने अपना खानपान सुधारा एवं अपने भोजन में जरूरी पोषक तत्वों को शामिल किया जिसके परिणामस्वरूप अब उसे पर्याप्त दूध बन रहा है और उसके बच्चे का पेट भी भर रहा है ।
गुढियारी सेक्टर पर्यवेक्षक रीता चौधरी ने बताया, गुढियारी सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्रों में 316 शिशुवती एवं 270 गर्भवती महिला पंजीकृत है। उनका कहना है कि 6 माह के पश्चात बच्चे को पोषण आहार की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने को लेकर विडियों की सहायता से जानकारी दी जा रही। बच्चे की बढती उम्र के साथ समग्र विकास के लिए सभी पोषक तत्वों का भोजन में समावेश होना नितांत ही महत्वपूर्ण है। शिशुवती माताओं को सही आहार व पोषक तत्वों की पूर्ति से बच्चों को छः माह तक केवल स्तनपान कराने के लिए समझाया जा रहा है।

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