नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश : दीपावली, छठ, गुरूपर्व पर पटाखों को फोड़ने की अवधि दो घंटे ही निर्धारित की गई।

0

 

राज्य में पटाखों के उपयोग के संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश का कड़ाई से पालन के निर्देश

ऑनलाइन पटाखों के बिक्री पर प्रतिबंध

 

रायपुर, 09 नवम्बर 2020 — राज्य में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पटाखों के उपयोग के संबंध में जारी निर्देशों का राज्य में संबंधितों को शत्-प्रतिशत पालन सुनिश्चित करने के संबंध में राज्य शासन द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। इस संबंध में मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देश के तहत जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा या संतोषजनक अथवा मध्यम श्रेणी हो, वहां केवल हरित पटाखे ही विक्रय तथा उपयोग किए जाये। दीपावली, छठ, गुरूपर्व तथा नया वर्ष/क्रिसमस इत्यादि के अवसर पर पटाखों को फोड़ने की अवधि भी दो घंटे ही निर्धारित की गई है। मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल द्वारा राज्य में सभी जिला कलेक्टरों तथा पुलिस अधीक्षकों को इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सहित कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।

इसके तहत ऐसे शहरों में हरित पटाखों के फोड़े जाने की अवधि दीपावली पर्व पर रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक, छठ पूजा पर प्रातः 6 बजे से प्रातः 8 बजे तक, गुरूपर्व पर रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक और नया वर्ष अथवा क्रिसमस पर रात्रि 11.55 बजे से 12.30 बजे तक निर्धारित की गई है। इसी तरह पटाखों के उपयोग के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देश के अनुरूप कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाले इम्प्रूव्ड एवं हरित पटाखों की बिक्री केवल लायसेंस्ड ट्रेडर्स द्वारा की जा सकेगी। केवल उन्हीं पटाखों को उपयोग के लिए बाजार में बेचा जा सकेगा, जिनसे उत्पन्न ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो। सीरीज पटाखे अथवा लडियों की बिक्री, उपयोग तथा निर्माण प्रतिबंधित किया गया है। पटाखों के ऐसे निर्माताओं का लायसेंस भी रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनके द्वारा पटाखों में लिथीयम, आरसेनिक, एन्टिमनी, लेड एवं मर्करी का उपयोग किया गया है। ऑनलाइन अर्थात् ई-व्यापारिक वेबसाइटों जैसे-फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि से पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित रहेगा।

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशानुसार राज्य के सभी 7 क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, अम्बिकापुर तथा जगदलपुर में परिवेशीय वायु गुणवत्ता की नियमित मॉनिटरिंग करने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही संबंधित अधिकारियों को इसके परिणाम वेबसाईट में अपलोड करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत राजधानी रायपुर के 2 से 3 स्थलों पर 7 नवंबर से 21 नवंबर तक मॉनिटरिंग के लिए समय निर्धारित है। इसी तरह दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, अम्बिकापुर तथा जगदलपुर में 2 से 3 स्थलों पर 9 नवंबर से 14 नवंबर तक मॉनिटरिंग की जाएगी। पटाखों का बहुतायत में उपयोग होने से वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण कोविड-19 वायरस के घातक रूप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वायु प्रदूषण अधिक होने से कोविड-19 वायरस के रोगियों की संख्या भी बढ़ सकती है। इसके मद्देनजर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश का राज्य में कड़ाई से पालन के निर्देश दिए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed