राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू खाद्य मंत्री ने ग्राम कुम्हारी में पूजा-अर्चना कर किया शुभारंभ
रायपुर, 1 दिसम्बर 2020/प्रदेशभर में एक दिसम्बर से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो गई है। खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत ने आज रायपुर जिले के विकासखण्ड धरसींवा के ग्राम कुम्हारी में पूजा-अर्चना कर धान खरीदी का शुभारंभ किया। श्री भगत ने कांटा-बाट में धान को तौला और किसानों को तिलक लगाकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर श्री भगत ने ग्राम कुम्हारी में खाद्य गोदाम निर्माण का भूमिपूजन भी किया।
मंत्री श्री भगत ने इस मौके पर कहा कि पूरे प्रदेश में आज से धान खरीदी शुरू हो गई है। राज्य के सभी 2 हजार 305 खरीदी केन्द्रांे में आवश्यक तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी खरीदी केन्द्रांे में कोरोना वायरस की सुरक्षा के लिए सेनेटाईजर, मास्क और हाथ धुलाई की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में अन्नदाता के हित में बहुत से निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्र से धान खरीदी के लिए उम्मीद के अनुरूप सहायता नही मिल पाई है। राज्य शासन द्वारा पुराने बारदाने और प्लास्टिक के बैग खरीदकर धान खरीदी की जा रही है। खरीदी केन्द्रांे में नवीन चबूतरों का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नही होगी। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 21 लाख 29 हजार 764 किसानांे ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। गतवर्ष 19 लाख 55 हजार 541 किसानों ने पंजीयन कराया था। इस वर्ष किसानों की संख्या और धान के रकबे में बढ़ोतरी को देखते हुए गतवर्ष की तुलना में ज्यादा धान खरीदी होने का अनुमान है।
ग्राम कुम्हारी उपार्जन केन्द्र के अध्यक्ष ने बताया कि इस खरीदी केन्द्र में चार गांव के 511 किसान धान बेचने के लिए पंजीकृत हैं। यहां प्रतिदिन 500 क्विंटल धान खरीदा जाएगा। खरीदी केन्द्र में नवीन चबूतरा का निर्माण किया गया है। धान खरीदी के लिए आवश्यक व्यवस्था कर ली गई है। जरूरत के मुताबित बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है। इस मौके पर धरसींवा विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा, सदस्य श्री हरिशंकर निषाद, जनपद सदस्य धरसींवा श्रीमती योगिता ईश्वर निषाद, कुम्हारी के सरपंच श्रीमती शिवकुमारी बालाराम पाठक, कुम्हारी समिति के अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर शुक्ला सहित जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।