छत्तीसगढ़ को जल्द मिलेगा ‘कोविशील्ड’ ।
पहली खेप में मिलेंगे 3.23 लाख वैक्सीन, स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार टीकों के वितरण, परिवहन एवं भंडारण की पुख्ता व्यवस्था
रायपुर. 12 जनवरी 2021 — छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कार्मिकों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कोरोना वैक्सीनेशन के लिए टीकों की पहली खेप जल्द पहुंचने वाली है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में इन टीकों के वितरण, परिवहन और भंडारण की पुख्ता व्यवस्था की गई है। सभी जिलों में टीकाकरण के लिए मॉकड्रिल और आपात स्थिति से निपटने का पूर्वाभ्यास भी किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ को भारत सरकार द्वारा पहली खेप में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ‘कोविशील्ड’ के तीन लाख 23 हजार टीके उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ये टीके आईसीएमआर द्वारा प्रमाणित हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा रायपुर विमानतल से राज्य वैक्सीन भंडार तक टीकों के परिवहन के लिए इंसुलेटेड वैक्सीन वेन की व्यवस्था की गई है। इसमें टीकों को अनुकूल तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस तक रखा जाएगा। राज्य वैक्सीन भंडार से इंसुलेटेड वैक्सीन वेन के माध्यम से सभी जिलों में टीके भेजे जाएंगे। इसके लिए एक राज्य स्तरीय, तीन क्षेत्रीय और 27 जिला स्तरीय कोल्ड चैन प्वाइंट्स बनाए गए हैं। प्रदेश में टीकों के सुरक्षित भंडारण व परिवहन के लिए अभी 630 क्रियाशील कोल्ड चेन प्वाइंट एवं 85 हजार लीटर से अधिक कोल्ड चैन स्पेस उपलब्ध है। इनके साथ ही 81 अतिरिक्त कोल्ड चैन प्वाइंट भी स्थापित किए गए हैं। वैक्सीन के परिवहन के लिए 1311 कोल्ड-बॉक्स उपलब्ध हैं। सीरिंज, नीडल एवं अन्य सामग्रियों के भंडारण के लिए प्रदेश भर में 360 ड्राई-स्टोरेज भी बनाए गए हैं।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में टीकाकरण के लिए 1349 स्थल चिन्हांकित किए गए हैं जहां कुल दो लाख 67 हजार 399 हेल्थ-केयर वर्करों, राज्य व केंद्रीय कर्मचारियों तथा सशस्त्र बलों को टीके लगाए जाएंगे। इन सब की जानकारी कोविन पोर्टल में एंट्री की गई है। टीकाकरण के लिए 7116 टीकाकरण कर्मियों को चिन्हांकित कर इसका प्रशिक्षण दिया गया है। सभी 28 जिलों में 83 स्थानों पर कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जा चुका है।
टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना या आपात स्थिति के प्रबंधन के लिए राज्य स्तर से लेकर टीकाकरण स्थलों तक एईएफआई (AEFI – Adverse Event Following Immunization) प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ किया गया है। सभी टीकाकरण केंद्रों को नजदीकी एईएफआई प्रबंधन प्रणाली जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ा गया है। टीकाकरण के दौरान एवं बाद में जैव चिकित्सकीय अपशिष्टों के प्रबंधन के लिए भी समुचित व्यवस्था की गई है। सभी कोल्ड चैन प्वाइंट में डीप-पिट एवं शार्ट-पिट तैयार किए गए हैं। राज्य में वैक्सीन लॉन्च के लिए 99 केंद्र चिन्हित किए गए हैं। वैक्सीन लांच के टू-वे इंटरेक्शन (Two Way Interaction) के लिए रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय और जगदलपुर के महारानी अस्पताल को चिन्हित किया गया है।