जेएसपीएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल को भारत-सीएसआर नेटवर्क द्वारा आयोजित ‘इंडिया सीएसआर लीडरशिप समिट – 2021’ में इम्पैक्ट लीडर अवार्ड से किया गया सम्मानित ।
कोविड-19 से लोगों को बचाने के किए कार्य : इम्पैक्ट लीडर अवार्ड से सम्मानित
10 प्रभावशाली लीडर्स में शालू जिन्दल भी
रायपुर/रायगढ़, 18 जनवरी 2021 — जेएसपीएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल को भारत-सीएसआर नेटवर्क द्वारा आयोजित ‘इंडिया सीएसआर लीडरशिप समिट – 2021’ में इम्पैक्ट लीडर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। वह देश की उन 10 शीर्ष लीडर्स में शुमार की गई हैं, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान आगे आकर गरीबों, जरूरतमंदों और समुदायों की सेवा की।
यह सम्मान ग्रहण करते हुए श्रीमती जिन्दल ने कहा, “हम जेएसपीएल फाउंडेशन में राष्ट्र निर्माण और नागरिक सशक्तीकरण की नीतियों में विश्वास करते हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह इस महामारी से मानवता को बचाए और कामना करते हैं कि दुनिया हमेशा ऐसी तबाही से मुक्त रहे। हम पंक्ति के आखिरी व्यक्ति की सेवा करते हुए अपनी सेवाओं को सदैव जारी रखने का संकल्प लेते हैं।” उन्होंने इस सम्मान के लिए इंडिया-सीएसआर नेटवर्क को धन्यवाद दिया। श्रीमती जिन्दल कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में सरकार और प्रशासन का सहयोग करने वाली अग्रणी शख्सियतों में से हैं। उन्होंने श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे जेएसपीएल फाउंडेशन को सार्थक नेतृत्व प्रदान करते हुए देश में 5 लाख से अधिक लोगों को सूखा राशन व पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया और हजारों परिवारों की आजीविका की रक्षा की। जब कोविड-19 की रोकथाम के लिए देश में लॉकडाउन लागू हुआ तब जेएसपीएल फाउंडेशन ने श्रीमती शालू जिन्दल के मार्गदर्शन में “मिशन जीरो हंगर” के तहत प्रवासी श्रमिकों, दैनिक वेतन भोगियों, सड़क पर रहने
वालों, निराश्रितों, ट्रक चालकों, गृह विहीन परिवारों और सामाजिक रूप से कमजोर अन्य लोगों को छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली में पका हुआ भोजन और सूखा राशन का इंतजाम कराया। फाउंडेशन ने इसके अलावा आदिवासियों और कमजोर वर्ग के लोगों को सैनिटाइजर, हैंडवाश, कीटाणुनाशक और सेल्फ हेल्प ग्रुपों से जुड़ी हजारों महिलाओं के हाथों बनाए गए मास्क उपलब्ध कराए। इससे महिलाओं को महामारी की मंदी में अपने परिवार को चलाने में बहुत मदद मिली। महामारी के दौरान रोज कमाने-खाने वालों को पैसे की कमी न हो, इसके लिए फाउंडेशन ने पुख्ता बंदोबस्त किया। उसने हजारों डेयरी, सब्जी और मशरूम किसानों को प्लांट टाउनशिप में उचित दामों पर अपने उत्पाद बिक्री की सहूलियतें दी। जहां तक चिकित्सा सुविधाओं की बात है तो जेएसपीएल फाउंडेशन ने छत्तीसगढ़ स्थित दोनों फोर्टिस-ओपी जिन्दल अस्पताल में कोविड-19 से बचाव के लिए 133 बेड और वेंटीलेटर के साथ 15 आईसीयू केयर यूनिटें समर्पित की। इसके अलावा अस्पताल और व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अतिरिक्त वेंटीलेटर, पीपीई किट, ऑक्सीजन सिलेंडर और आइसोलेशन वार्ड के साथ-साथ कोविड-19 देखभाल केंद्रों का बंदोबस्त किया गया।
जेएसपीएल फाउंडेशन की पहल पर संचालित शैक्षिक संस्थानों में ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था कर बच्चों की पढ़ाई नियमित रखी गई। दिव्यांगों की देखभाल के लिए संचालित आशा- द होप केंद्रों ने भी पूरी मुस्तैदी से बच्चों की सेवा की। ऑनलाइन के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर कोविड-19 निर्देशों का पालन करते हुए बच्चों को घर पर भी मदद पहुंचाई गई। करीब 3000 बच्चों को इन केंद्रों से लाभान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा, फाउंडेशन ने महामारी से बचाव के लिए समुदायों में विभिन्न माध्यमों से जागरूकता भी पहुंचाई। जेएसपीएल ने केंद्र सरकार का सहयोग करते हुए पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपये का योगदान किया है। कोविड-19 से बचाव के लिए जेएसपीएल फाउंडेशन द्वारा किये गए कार्यों की सर्वत्र सराहना हो रही है और इसी आधार पर श्रीमती शालू जिन्दल को 10 प्रभावशाली लीडर्स की श्रेणी में रखते हुए यह सम्मान प्रदान किया गया है।