रायपुर — छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जानकारी के अनुसार लगभग पिछले दो महीने से प्रदेश के मरीज़ों के लिए सरकारी अस्पताल डॉ भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में दवाइयाँ नहीं मिल रही हैं। सरकारी अस्पताल मरीज़ों की सुविधा के लिए बनाए जाते हैं लेकिन जहाँ एक ओर पूरे देश में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपने सुशासन और चौमुखी विकास के लिए सुर्ख़ियाँ बटोरने में लगी हुई है वहीं दूसरी ओर उसी छत्तीसगढ़ में मरीज़ों को दवा तक उपलब्ध नहीं कराई जा पा रही है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल ने इस लापरवाही के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है जिनके कारण सीजीएमएससी द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में पिछले लगभग दो माह से दवाइयाँ उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं। जब अस्पताल में दवाइयाँ ही नहीं उपलब्ध हैं तो जाहिर है कि मरीज़ परेशान होंगे ही। मरीज़ों को निजी दवाइयों की दुकानों से बाजार भाव से दवाइयाँ ख़रीदनी पड़ रही हैं। अब प्रश्न यह है कि सरकारी अस्पताल में प्रायः आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति ही जाते हैं तो वे इतनी महंगी दवाइयाँ कैसे ख़रीदें?
संजीव अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की है कि चूंकि छत्तीसगढ़ की जनता को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं और चिकित्सा प्रणाली व स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा हर नागरिक का अधिकार है, वे इस विषय पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने का कष्ट करें जिससे प्रदेश वासियों को लाभ मिले और मरीज़ों को दवाइयाँ उपलब्ध हो पाएँ तथा जो भी अधिकारी जिम्मेदार हैं उनपर कढ़ाई से कार्रवाई करें क्योंकि ये अधिकारी छत्तीसगढ़ में काँग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।