मोदी के साथ चलने वाले ब्लैक बॉक्स का क्या राज है, कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की जांच कराने की मांग
Taja Khabar
कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ चलने वाले बड़े ब्लैक बॉक्स का रहस्य मालूम करे। ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी है कि इतना बडा बॉक्स मोदी के साथ चल रहा है। मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के नेता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग के समक्ष यह सवाल उठाया है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, कांग्रेस की तरफ से चुनाव आयोग के समक्ष पांच बातें रखी गई हैं। चुनाव आयोग ने हमारी बातों को ध्यान से सुना और हमें आश्वस्त किया है कि कुछ मामलों में कार्रवाई की जा रही है तो अन्य में चल रही है। हमने आयोग से कहा है कि यह बात अत्यंत विचित्र है कि प्रधानमंत्री जैसे उच्च पदासीन व्यक्ति के हेलिकॉप्टर में इतना बड़ा ब्लैक बॉक्स साथ रहता है। ये कर्नाटक का विषय है, इसकी शिकायत तुरंत कर दी गई थी।
जब यह बात चुनाव आयोग के संज्ञान में लाई गई तो यहां से नोटिस भी जारी किया गया। हालांकि इस मामले में अभी तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। बतौर सिंघवी, हमने पहले भी कहा था कि अरुणाचल प्रदेश में एक तरफ मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष बैठे हैं। उनसे थोड़ी दूरी पर करीब 100-200 मीटर दूर एक गाड़ी में लगभग 2 करोड़ रुपए पाए गए। इस मामले की जांच की जाए।
भाजपा की ओर से भी इस मामले में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस मामले की जांच में देरी न हो। अगर ऐसा कोई बॉक्स वो चाहे नीला हो, लाल हो या काला बॉक्स हो, इसे लेकर हम दिल्ली की सड़कों पर भी घूमने लगे तो तुरंत ईडी या आईबी वाले पहुंच जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये विचित्र बात है कि सत्तारुढ़ पार्टी में इतने बड़े ओहदे पर बैठे व्यक्ति के पीछे छुपकर ऐसे काम हो रहे हैं।
दूसरा, चुनाव के दौरान भारतीय रेलवे की टिकटों पर प्रधानमंत्री की फोटो आ रही है। यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
तीसरी बात, कुछ नेताओं द्वारा विभाजनकारी और घृणात्मक वक्तव्य आ रहे हैं। नांदेड़ में प्रधानमंत्री द्वारा, लातूर में अमित शाह द्वारा और मेरठ में सीएम योगी द्वारा ऐसे घृणात्मक वक्तव्य दिए गए हैं। ये बातें लोगों में वैमनस्य फैलाती हैं।
चुनाव आयोग ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण आदेश पास कर ऐसे नेताओं के चुनाव प्रचार पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाया है। बड़े पद पर बैठे दो लोगों के खिलाफ आयोग ने अभी तक ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है।
सिंघवी ने कहा, हमारी पार्टी में ऐसे बयान देने वाले व्यक्ति को तुरंत पद से हटा दिया जाता है। हमारी चुनाव आयोग से मांग की है कि ऐसे लोगों के चुनाव प्रचार करने पर कम से कम चार-पांच दिन तक प्रतिबंध लगाया जाए।