कोविड मरीज की उदासी देख नर्स ने यू-ट्यूब पर सीखा “सामान्य साइन लैंग्वेज”,बातचीत से मरीज हुआ प्रसन्न, अब हो रही है राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा ।
बिलासपुर — अब तक आप सभी ने देखा होगा जहां पर कोरोना के मरीजों को ठीक करने के लिये डॉक्टर व नर्स नये नये प्रयोग कर रहे है कही पर गाना गया जा रहा है कही पर डांस किया जा रहा है ताकि कोरोना से लड़ रहे मरीजो का मनोबल कम न हो। साथ ही मन से तनाव दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
वही फ़ेसबुक और ट्विटर पर एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के रेलवे के कोविड हॉस्पिटल मे ड्यूटी कर रही स्वाति भीमगज मूक बधिर मरीज से सामान्य साइन लैंग्वेज में बात करते हुए नज़र आ रही है साथ ही मरीज काफी खुश नजर आ रहा है।
दरअसल बिलासपुर रेलवे के कोविड हॉस्पिटल में एक मूक बधिर मरीज भर्ती हैं। एक दिन स्वाति भीमगज ने उनसे पूछा कि कोई समस्या तो नही है पर वो मरीज चुप रहे और कुछ नही बोला फिर उसने इसारे से कहा मैं मूक बधिर हूँ बोल व सुन नही सकता।
स्वाति को अपने आप मे आत्म ग्लानि हुई की मैं इनकी सेवा बाकी मरीजो के जैसे नही कर पा रही हूँ क्योंकि बाकी मरीज अपनी समस्या बता सकते है। इसके बाद स्वाति ने यू-ट्यूब के माध्यम से सामान्य साइन लेंग्वेज सीखा। लैंग्वेज सीखने के बाद जब स्वाति ने मरीज से बात की तो मरीज की खुशी का ठिकाना नहीं रहा साथ ही मरीज ने स्वाति का धन्यवाद किया।
आप वीडियो में देख सकते है कैसे वे दोनों एक दूसरे से किस प्रकार बात कर रहे हैं।
स्वाति भीमगज के इस कार्य की राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना हो रही है।
भारतीय रेलवे ने अपने ट्विटर हैंडल पर स्वाति के लिए लिखा कि “मानवीय संवेदना के साथ साथ कर्तव्य परायणता का अनूठा उदाहरण है।”
साथ ही डॉक्टर से आईएएस अधिकारी का सफर करने वाली छत्तीसगढ़ की आईएएस प्रियंका शुक्ला ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि “छत्तीसगढ़ में पदस्थ नर्स स्वाति भीमगज ने सेवाभावना की नई मिसाल प्रस्तुत की है।”
स्वाति भीमगज का परिचय:
रायपुर की रहने वाली अजित कुमार भीमगज और शकुन भीमगज की पुत्री स्वाति ने अपनी शुरुआती स्कूल की पढ़ाई करने के बाद श्री शंकराचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग भिलाई से बी एस सी नर्सिंग कोर्स करने के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर से रेनल साइंस और डायलेसिस टेक्नोलॉजी में एम एस सी की। रायपुर और भिलाई के कई हॉस्पिटल में कार्य करने के बाद 2019 से बिलासपुर के रेलवे हॉस्पिटल में कार्यरत हैं। स्वाति का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर उनके कार्य से हो रही प्रशंसा से वो काफी खुश हैं औऱ भविष्य में भी इसी तरह लोगों की सेवा करती रहेंगी।