बेकारी में देवजी पटेल का मानसिक संतुलन बिगड़ गया हैः मोहन मरकाम
राज्य सरकार से सरकारी खर्च पर देवजी पटेल का इलाज करवाने का अनुरोध करेंगे
रायपुर/20 मई 2021 — पूर्व विधायक देवजी पटेल की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र और चेक भेजे जाने के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि ऐसा लगता है कि हार के बाद बेरोज़गारी झेल रहे देवजी पटेल जी का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. इसकी वजह से वे केंद्र के क़ानून की विफलता का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार से अनुरोध करेंगे कि सरकारी खर्च से देवजी पटेल का इलाज करवाने की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा है कि कोरोना काल में किस कानून से देश चल रहा है इसका ज्ञान भी यदि देवजी भाई पटेल जैसे वरिष्ठ नेता को नहीं है तो यह बहुत दुखद स्थिति है। देश में आज आपदा प्रबंधन कानून लागू है और इस आपदा प्रबंधन कानून के तहत हर निर्णय केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है कोरोना में क्या करना है क्या दवाइयां देनी है और ट्रीटमेंट का क्या प्रोटोकोल है यह भी केंद्र सरकार ही तय करती है देवजी भाई पटेल ने अपने बयान में राज्य सरकार पर निराधार आरोप लगाते हुए कहा है कि आपके निष्ठुर कोरोना कानून के कारण स्थिति बिगड़ी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि देवजी भाई पटेल को विनम्रता से लेकिन उतनी ही दृढ़ता से मैं याद दिलाना चाहूंगा कि आज तो देश में एक ही कोरोना कानून प्रभावी है और वह कानून वही है जिसका नियंत्रण केंद्र सरकार यानी नरेंद्र मोदी और अमित शाह के पास है। देवजी पटेल को ज्ञात होना चाहिए कि राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर कोई क़ानून बनाया है और न यह उसके अधिकारक्षेत्र में है। ऐसे में राज्य के कानून को दोषी ठहराना न केवल स्तरहीन और सतही बयानबाजी का बेहद निम्नस्तरीय उदाहरण है। यह इस बात का भी सबूत है कि गैर भाजपा शासित राज्यों में राज्य सरकारों के खिलाफ भाजपा के नेता किस तरह से गैर जिम्मेदाराना बातें कहकर इस आपदा के समय संवैधानिक व्यवस्था और आपदा राहत और प्रबंधन की व्यवस्था को बिगाड़ने में लगे हुए हैं। यह जनहित में नहीं है।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार से अनुरोध करेगी कि वह सरकारी खर्च पर देवजी पटेल के मानसिक संतुलन की जांच करवाए और इलाज की व्यवस्था करवाए या फिर मुख्यमंत्री जी स्वेच्छानुदान से कुछ राशि देवजी पटेल को उपलब्ध करवा दें जिससे कि वे अपने पसंद के अस्पताल में इलाज करवा लें।