विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर विशेष : तम्बाकू है कैंसर का जन्मदाता – डॉ सिद्धार्थ तुरकर (ऑन्कोलॉजिस्ट )

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नो टोबैको डे अपने आप ये बताता है की आप को तम्बाकू या उससे सम्बंधित पदार्थो से दूर रहना चाहिए , यहाँ तक की तम्बाकू सेवन से कर्क रोग होता है – ये चेतावनी सभी तम्बाकू पदार्थो के पैकेट में लिखी होती है फिर भी लोग इसे नज़रअंदाज़ कर धड्ड्ले से तम्बाकू का किसी न किसी माध्यम से सेवन करते है। विषेशकर युवा इसे अपनी जीवनशैली में शामिल कर लेते है। तबाकू में करीब पांच सौ तरीके के हानिकारक तत्व होते हैं जिनमें से 50 ऐसे हैं जिन्हें हम कार्सिनोजन कहते है |

रायपुर — एनएचएमएमआई नारायणा के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ सिद्धार्थ तुरकर ने बताया जिस दिन से आप तम्बाकू पदार्थो का सेवन करते है उसी दिन से तम्बाकू अपना प्रवभाव करने लगता है। इससे न केवल कैंसर बल्कि ह्रदय रोग , किडनी रोग , पेट से सम्बंधित अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। डॉ तुरकर के अनुसार गावो के साथ शहर के भी लोग अपनी व्यस्त जीवनशैली के कारण कैंसर के शुरुआती लक्षणो में ध्यान नहीं देते जिससे बीमारी बहुत बढ़ जाती है और इलाज जठिल हो जाता है। तम्बाकू सेवन से होने वाला मुँह का कैंसर थोड़ी सावधानी से सही समय पर पहचान कर ठीक किया जा सकता है। कैंसर के बढ़ते मरीजों में युवा मरीज भी बहुत बढ़ रहे है जिसे हम थोड़े से प्रयास से कम कर सकते है।
एनएचएमएमआई नारायणा के रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ पियूष शुक्ला ने बताया की कैंसर पदार्थो के सेवन को रोकने के लिए जो नीतिया बनी है उसमे अमल सही तरह से नहीं हो रहा , अतः इसमें संसोधन की जरुरत है | डॉ पियूष के अनुसार तम्बाकू सेवन से मुँह और गले के कैंसर के आलावा अन्य १८ कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। मुँह और गले के कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मरीजों में रेडिएशन की जरुरत पड़ती है या तो सर्जरी के बाद, कीमोथेरेपी के बाद या साथ में , मरीज और कैंसर के स्टेज के आधार पर इसे दिया जाता है। स्टेज -३ और स्टेज – ४ के कैंसर के लगभग सभी मरीजों को रेडिएशन की आवस्यकता पड़ती है।
एनएचएमएमआई नारायणा की सीनियर कैंसर सर्जन डॉ मौ रॉय तम्बाकू में कार्सिनोजेन निकोटीन होता जिसके कारण ही व्यक्ति को इसकी लत लग जाती है और लगातार सेवन करने से मुँह और गले में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है| 80 – 90 प्रतिशत मुँह और गले के कैंसर रोगियों में तंबाकू उत्पादों के सेवन की आदत पायी गयी है | भारत में 30 प्रतिशत कैंसर तंबाकू के सेवन से होता है, इसलिए यदि हम कड़े कानून और कोटपा अधिनियम का सख्ती से पालन करते हैं तो हमारे इस प्रयास से हम भारत में होने वाले कैंसर के मामलों 30 प्रतिशत तक कम कर सकते है । जिन्ह लोगो को तंबाकू के सेवन की आदत हैं, उन्हें आईने में समय , समय पर जीभ, मसूढ़ों, गालों, तालू और गर्दन के सभी भागो को देखकर उनकी जांच करनी चाहिए और निम्न लक्षण मिलने पर तुरंत कैंसर विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए |

तम्बाकू सेवन से मुँह और गले में होने वाले कैंसर के प्रमुख लक्षण
जीभ/गाल में छाले होना।
मुँह का कम खुलना।
मुँह में सफ़ेद/ लाल दाग होना।
गले में गठान।
खाना निगलने में दिक्कत।
आवाज में बदलाव

कैंसर से जान बचाई जा सकती है, बशर्ते आप को इसकी सही स्टेज पर जानकारी हो, जानिए कैसे शरीर के किसी भी हिस्से में शारीरिक बदलाव व्यक्ति आराम से पहचान लेता है लेकिन मुंह का खुद से परीक्षण लोग नहीं करते हैं। ये बहुत ज्यादा गलत चीज है, जो कि बहुत आवश्यक है। जैसे लोग शीशे में अपना मुंह देखते हैं ठीक उसी प्रकार से अपने मुहं के अन्दर भी देखें अपनी जीभ को देखें अपने मसूड़ों को देखें गाल को देखें अपनी ऊँगली से महसूस करने का प्रयास करें। कोई भी बदलाव हो तो उसे नजरअंदाज न करें उसे नोट करें। डॉक्टर के पास जाकर सारी समस्याएं उसे बताएं। एक हफ्ते किसी को एक चीज का सेवन करा दिया जाये तो उसकी आदत पड़ जाती है। ओरल कैंसर में इसके शुरूआती दौर में आपको ऐसा लगता है कि मुंह में आपकी खाल सफ़ेद हो रही है, मुंह में लचीलापन खत्म हो गया है खाने पर आपके लगता है मुंह में कोई गाँठ पड़ गयी है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। तम्बाकू सेवन से होने वाला मुँह का कैंसर थोड़ी सावधानी से सही समय पर पहचान कर ठीक किया जा सकता है ।

नो टोबैको डे के अवसर पर में ३१ मई से ५ जून तक निशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविर ,
शिविर में सभी कैंसर रोगियों को प्रथम परामर्श पर डॉ मौ रॉय (सीनियर कैंसर सर्जन) डॉ सिद्धार्थ तुरकर (मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट), डॉ पियूष शुक्ला (रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट) की सेवाएं सुबह १० से ३ बजे तक प्राप्त की जा सकती है। शिविर में मरीज विशेष कैंसर पैकेज (CBC,LFT,RFT,X-Ray,ECG,Pap Smear) का लाभ भी मात्र 999 में ले सकते है | अधिक जानकारी एवं अपॉइंटमेंट के लिए 9669911911 से संपर्क करे

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