रमन सिंह और संबित पात्रा को फर्जी दस्तावेज पर क्लीनचिट नहीं मिली है – शैलेश नितिन

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रमन सिंह टूलकिट मामले में झूठ पर झूठ बोल रहे

उच्च न्यायालय ने और सर्वोच्च न्यायालय ने इन दोनों को क्लीनचिट नहीं दी है

 

 

रायपुर —  टूलकिट मामले में न्यायलयीन आदेशों पर भाजपा नेताओं की बयानबाजी पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह एवं भाजपा नेताओं ने ट्विटर हैंडल में फर्जी दस्तावेज के सहारे कांग्रेस की छवि धूमिल करने की जैसी कोशिश की थी, ठीक उसी तरह टूलकिट मामले में माननीय न्यायालय के निर्णय को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत कर, भाजपा नेता रमन सिंह और संबित पात्रा को निर्दोष बताने में जुटे है। सच्चाई ये है टूलकिट मामले में न्यायालय ने रमन सिंह एवं भाजपा नेताओं को दोषमुक्त नहीं किया है। रमन सिंह जैसे वरिष्ठ नेता के द्वारा अपने ट्विटर हैंडल से फर्जी दस्तावेजों को सार्वजनिक किया गया है। स्वयं ट्वीटर ने इसे मेनूप्लेटेड मीडिया करार दिया। इसके खिलाफ एफआईआर की गयी। पूरे प्रदेश में एफआईआर हुई। रमन सिंह जी ने हाईकोर्ट जाकर एफआईआर की जांच पर रोक लगाने का आवेदन दिया, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इसी के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई गयी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने जांच पर रोक को जारी रखा है। रमन सिंह जी को कोई क्लीनचिट नहीं मिली है। संबित पात्रा को कोई क्लीनचिट नहीं मिली है। अभी हाईकोर्ट ने सिर्फ रोक लगाई है। अंतिम फैसला आना बाकी है। भाजपा द्वारा इसे जीत के रूप में प्रदर्शित करना उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का गलत इंटरप्रिटेशन है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने बिलासपुर हाईकोर्ट को फर्जी टूलकिट मामले से संबंधित याचिकाओं पर तेजी से निर्णय देने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने किसी भी रूप में रमन सिंह और संबित पात्रा के द्वारा फर्जी दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के मामले में क्लीनचिट नहीं दिया है।

 

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