नयी दिल्ली — कैबिनेट से एक साथ तीन तलाक विरोधी विधेयक को मंजूरी मिलने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने कहा कि विधेयक में अभी भी कुछ ऐेसे मुद्दे हैं जिन पर वह चर्चा करेगी और विरोध भी करेगी। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने तीन तलाक पर कई बुनियादी बातें उठाई थी। उनमें से कई मुद्दों पर सरकार ने हमारी बात मानी…..अगर सरकार पहले तैयार हो जाती तो बहुत समय बच जाता। उन्होंने कहा, ‘अभी भी एक या दो मुद्दे हैं जैसे परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना। इन मुद्दों पर हम चर्चा करेंगे और विरोध भी करेंगे।’
दरअसल, कैबिनेट ने ‘तीन तलाक’ (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर पाबंदी लगाने के लिए बुधवार को नए विधेयक (मुस्लिम महिला -विवाह अधिकारों की रक्षा- विधेयक 2019) को मंजूरी दी। यह विधेयक सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा और यह पूर्ववर्ती भाजपा नीत राजग सरकार द्वारा फरवरी में जारी एक अध्यादेश का स्थान लेगा। पिछले महीने 16 वीं लोकसभा के भंग होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था। दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है। गौरतलब है कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों की रक्षा) विधेयक को विपक्षी दलों के विरोध का सामना करना पड़ा था। वह विधेयक तलाक ए बिद्दत की प्रथा को दंडनीय अपराध बनाता था।