श्री सुधांशु जी महाराज के श्रीमुख से जीवन प्रबंधन विषय पर संबोधन को सुनने के लिए हजारो लोग हुए शामिल !
रायपुर — विश्व जागृति मिशन छत्तीसगढ़ द्वारा विचार माला का आयोजन अटल बिहारी बाजपेयी सभागृह मेडिकल कालेज परिसर जेल रोड में किया गया जहां श्री सुधांशु जी महाराज के श्रीमुख से जीवन प्रबंधन विषय पर संबोधन को सुनने के लिए हजारो लोग शामिल हुए।
इसके पूर्व रथयात्रा के पावन अवसर पर सुबह श्री सुधांशु जी महाराज एकदिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ आए और योग साधना शिविर में साधको को बेहतर जिंदगी जीने के लिए आशीर्वचन दिया। इस अवसर पर कुम्हारी परसदा स्थित ब्रह्मलोक आश्रम परिसर भक्तिमय गीत-संगीत से गुंजयमान था। जहां श्रोता साधको की करतल ध्वनि के साथ भक्तिमय माहौल में रमे थे। सुधांशु महाराज के पहुचने पर उपस्थित साधको ने गुरु का स्वागत फूल मालाओं से किया।
योग साधना के पूर्व परसदा कुम्हारी स्थित श्री ब्रह्मलोक आश्रम में निर्माणाधीन कैलाश मानसरोवर का अवलोकन किया व जायजा लिया। साढ़े छह एकड़ जमीन में बन रहे ब्रह्मलोक आश्रम की कार्य प्रगति की जानकारी से विश्व जागृति मिशन छतीसगढ़ के साधक सदस्यों ने अवगत कराया।जिस दौरान सुनील सचदेव, विनोद शर्मा, विनोद भोजवानी व गणेश शंकर मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित थे। अवलोकन के पश्चात योग साधना शिविर में श्री सुधांशु जी महाराज ने जीवन को बेहतर जीने के बारे में बताया और प्रतिदिन सुबह सैर,योग, प्राणायाम को जीवन मे शामिल करने की बात कही व नियम बनाकर साधना को जीवन मे उतारकर मोह ममता से ऊपर उठकर ईश्वर का ध्यान लगाने को कहा जिससे जन्म ही वरण परलोक भी सुधरे।आश्रम स्थल में हजारो की संख्या में उपस्थित विश्व जागृति मिशन परिवार के सदस्यों ने सुधांशु महाराज के आशीर्वचन लाभ लिया व योग साधना शिविर के अंत में पूज्य गुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज की आरती साधको द्वारा उतारी गई।गुरुदेव को नजदीक से देखने, आशीर्वाद लेने साधक मंच तक पहुचे थे।
शाम को विचार माला कार्यक्रम में सुधांशु जी महाराज ने जीवन प्रबंधन विषय पर श्रोताओं को संबोधित किया जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह,रायपुर महापौर प्रमोद दुबे, पूर्व विधायक महंत रामसुंदर दास, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी गणेश शंकर मिश्र व पत्रकार हिमांशु द्विवेदी शामिल हुए। संबोधन के पश्चात सुधांशु महाराज ने प्रश्नों का जवाब भी दिया जिसमें महापौर प्रमोद दुबे ने अपने भविष्य की राजनीति को लेकर प्रश्न किया वही नितिन भंसाली ने आज के दौर में बढ़ते आत्महत्या के प्रकरणों को लेकर सुधांशु महाराज से प्रश्न किया।इसके पूर्व संबोधन में श्री सुधांशु जी महाराज ने जीवन में शांति और आनन्द के लिए कार्य कर प्रसन्नचित से जीवन जीने की बात कही और सोते समय ईश्वर का आभार मानकर और सुबह उठकर ईश्वर को नई जिंदगी के लिए धन्यवाद देकर दिन की शुरुआत की बात कही साथ ही जीवन के लिए महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखने को कहा जिसमें आरोग्यता,आर्थिक निर्भरता,अपनापन,सामाजिक प्रतिष्ठा की बात कही। श्री सुधांशु जी महाराज ने पर्यावरण को लेकर भी चिंता जाहिर की और वृक्षारोपण को गम्भीरता से लेते हुए जीवन के विशेष मौके पर पौधरोपण कर देखभाल करने का प्रण लेने की बात अपने संबोधन में प्रमुखता से रखी।श्री सुधांशु जी महाराज ने जीवन में निरोगी काया को सबसे बड़ा धन बताया और अपने संबोधन के अंत व्यवहार को लेकर कहा कि बताशा जैसे दूध या पानी में घुलकर मिठास लाता वैसे ही आप अपनी वाणी से व्यवहार में मिठास लाए।
विचार माला कार्यक्रम के संबन्ध में समिति के अश्वनी विग ने बताया कि इस सफल आयोजन के संयोजक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी गणेश शंकर मिश्र थे और गणमान्य बुद्धिजीवी नागरिकों की उपस्थिति ने आयोजन को और खास बना दिया जिससे आगे भी महाराज जी के हर प्रवास पर विचार माला का आयोजन किया जाए ऐसा प्रयास किया जाएगा।