छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बजट पर प्रतिक्रिया
रायपुर — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि यह बजट महंगाई बढ़ाने वाला है। मध्यम वर्ग को आयकर में कोई राहत नहीं दी गयी है। बेरोजगारी संकट का कोई समाधान बजट में नहीं दिखता। किसानों की आय दुगुना करने के लक्ष्य को पाने का कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है। धान खरीद का समर्थन मूल्य कल कुछ बढ़ाया गया जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। रेल्वे को पीपीपी योजना के तहत लाया जा रहा है। भारतीय रेल दुनिया में सबसे बड़ी संस्थान है जो व्यापक रूप से रोजगार देती है। इससे अब लोगों का रोजगार छिना जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये केन्द्र को शत्-प्रतिशत अनुदान की राशि देनी चाहिये। बजट में छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित जिलों के विकास के लिये कोई विशेष योजना नहीं है। देश के सबसे पिछड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ के दस जिलों को आकांक्षी जिले बनाये गए है। इनके विकास के लिये राशि का प्रावधान नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री सम्मान निधि के तहत माननीय प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया था कि वन अधिकार पत्रों के पट्टाधारियों को 6 हजार के बजाय 12 हजार रूपए की राशि दी जाए। लेकिन उन्हें कोई भी राशि इन्हें नहीं दी गयी। बजट में प्रत्येक घरों में नल से जल प्रदाय की योजना है। पहले केन्द्र शासन द्वारा शत-प्रतिशत की राशि अनुदान में दी जाती थी। जिसे 60-40 प्रतिशत कर दिया गया है। इस योजना के लिये शत-प्रतिशत की राशि केन्द्र से अनुदान के रूप में दी जानी चाहिये। कौशल उन्नयन से कितने लोगों को रोजगार मिला यह स्पष्ट नहीं किया गया है। पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ने से देश में महंगाई बढ़ेगी ।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बजट पर प्रतिक्रिया के प्रमुख बिन्दु
ऽ यह बजट महंगाई बढ़ाने वाला है।
ऽ मध्यम वर्ग को आयकर में कोई राहत नहीं दी गयी है।
ऽ बेरोजगारी संकट का कोई समाधान बजट में नहीं दिखता।
ऽ किसानों की आय दुगुना करने के लक्ष्य को पाने का कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है। धान खरीद का समर्थन मूल्य कल कुछ बढ़ाया गया जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
ऽ रेल्वे को पीपीपी योजना के तहत लाया जा रहा है। भारतीय रेल दुनिया में सबसे बड़ी संस्थान है जो व्यापक रूप से रोजगार देती है। इससे अब लोगों का रोजगार छिना जा सकता है।
ऽ प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये केन्द्र को शत्-प्रतिशत अनुदान की राशि देनी चाहिये।
ऽ बजट में छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित जिलों के विकास के लिये कोई विशेष योजना नहीं है।
ऽ देश के सबसे पिछड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ के दस जिलों को आकांक्षी जिले बनाये गए है। इनके विकास के लिये राशि का प्रावधान नहीं किया गया है।
ऽ प्रधानमंत्री सम्मान निधि के तहत माननीय प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया था कि वन अधिकार पत्रों के पट्टाधारियों को 6 हजार के बजाय 12 हजार रूपए की राशि दी जाए। लेकिन उन्हें कोई भी राशि इन्हें नहीं दी गयी।
ऽ बजट में प्रत्येक घरों में नल से जल प्रदाय की योजना है। पहले केन्द्र शासन द्वारा शत-प्रतिशत की राशि अनुदान में दी जाती थी। जिसे 60-40 प्रतिशत कर दिया गया है। इस योजना के लिये शत-प्रतिशत की राशि केन्द्र से अनुदान के रूप में दी जानी चाहिये।
ऽ कौशल उन्नयन से कितने लोगों को रोजगार मिला यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
ऽ पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ने से देश में महंगाई बढ़ेगी।