कलेक्टर ने दी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों सहित मातृत्व एवं शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की आरएचओ को जिम्मेदारी
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई
रायपुर — कलेक्टर डॉ एस. भारतीय दासन की अध्यक्षता में 9 जुलाई को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक हुई। बैठक में विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में वर्ष 2018-19 की वित्तीय आय व्यय की समीक्षा की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. केआर सोनवानी ने बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों के उप स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मातृत्व एवं शिशु सुरक्षा के साथ परिवार कल्याण कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आरएचओ) को 28 प्रकार के राष्ट्रीय कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने अलग-अलग कार्य विभाजन किया गया है।
जिला स्वस्थ्य समिति की बैठक में 50 बिंदु सूचकांक के आधार पर समीक्षा की गई। वहीं अस्पतालों में जीवनदीप समिति के आय-व्यय और ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के व्यय का विवरण की समीक्षा की गई। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर भारतीय दासन ने निर्देश दिए कि जिले में बनाए गए मॉडल हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटरों में मिलने वाले स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति को बेहतर करें। आयुष्मान भारत योजना के तहत रायपुर जिले के आरंग ब्लॉक के उप स्वास्थ्य केंद्र गनोद, तिल्दा में उप स्वास्थ्य केन्द्र अलेसुर, धरसींवा में उप स्वास्थ्य केन्द्र धनेली, अभनपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मानिकचौरी और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोवा को बनाया गया है।
वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों – टिकाकारण, परिवार कल्याण कार्यक्रम, अंधत्व नियंत्रण, कुष्ठ नियंत्रण, मलेरिया, आईडीएसपी, आरएनटीसीपी, एनसीडी, जननी सुरक्षा योजना, मितानिन कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, चिरायु योजना, पीसी-पीएनडीटी की समीक्षा करते हुए लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने स्वास्थ्य अधिकारियों व नोडल प्रभारियों से कहा कि मातृत्व एवं बाल मृत्यु दर को कम करना है।
कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक स्वास्थ्य और आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व टीकाकरण, नियमित खून की जांच, रक्तचाप तथा गर्भ के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों एवं खानपान आदि से संबंधित आवश्यक जानकारियों पर आधारित सूचना अंकित कराना सुनिश्चित करें। जननी सुरक्षा योजना का संचालन पूर्ण गुणवत्ता और मानक के अनुरूप करें। प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की विश्वसनीयता को बढ़ाया जाए। इसके अलावा शिशु संरक्षण माह 21 जून से 23 जुलाई तक, रोटा वायरस एवं टीडी टीकाकरण की शुरुवात अस्पतालों में नियमित तिथि पर सप्ताह में दो दिन मंगलवार व शुक्रवार को सुनिश्चित करें। परिवार नियोजन को बढ़ावा देने योग्य दंपति को जागरूक कर जनसंख्या स्थरीकरण पखवाड़ा को 11 जुलाई से लेकर 24 जुलाई तक लक्ष्य को पूरा करें। मौसमी बीमारी से बचाव व रोकथाम के लिए शिविर आयोजन करें। वहीं एनडीडी कार्यक्रम को 8 अगस्त से शुरू करने स्वास्थ्य अमला तैयारी पूरी कर लें। सीएमएचओ डॉ सोनवानी ने बताया कि जुलाई माह में ड़ेंगू से निपटने प्रचार प्रसार व स्कूलों में कार्यक्रम भी किए जाएंगे।