भारत की महिला धावक हिमा ने विदेश में किया देश का नाम रौशन
हिमा दास ने एक हफ्ते में दूसरा सवर्ण पदक जीता
आपने कई भारतीय धावकों को विदेशी धरती पर परचम लहराते हुए देखा होगा। अब हिमा दास का नाम भी इन धावकों में शामिल हो गया है। हिमा ने पोलैंड में आयोजित महिलाओं की 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मैडेल हासिल किया है।
हिमा दास मूल रूप से असम की रहने वाली है। उनका गांव कोधूलिमारी है जो नोगांव जिले में स्थित है। आईएएफ वल्ड अंडर-20 एथेलैक्टिस चैम्पियनशिप की 400 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला है। उनके पिता रोनजीत दास और मां जोनाली दास है। हिमा के मां-बाप किसान है। वह अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं।
मुश्किलों में भी कभी हार नहीं मानी
हिमा दास की विजेता बनने की राह में मुश्किलें बहुत थीं। वह सेहत से जुड़ी परेशानियों से हमेशा परेशान रहीं। पिछले कुछ महीनों से पीठ दर्द की मुश्किल से जूझ रही हिमा ने 23.77 सेकंड का समय निकालकर गोल्ड मैडल हासिल किया है, जबकि वीके विस्मया ने 24.06 में सिल्वर मैडल जीता। भारत में खिलाड़ियों को सुविधाएं नहीं मिलने के कारण वह पीछे रह जाते हैं। लेकिन हिमा ने विकट परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बनाया और इतिहास रच दिया। कैरियर के शुरूआती दिनों में रनिंग ट्रैक मौजूद नहीं होने के कारण हिमा ने फुटबाल के मैदान से शुरूआत की। मैदान में दौड़ लगाना हिमा के लिए चुनौती भरा जरूर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ती रहीं।
फुटबाल में भी रखती हैं रूचि
हिमा को बचपन से ही खेल में रूचि थी। उनका झुकाव खेल की तरफ होने के कारण वह लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं। फुटबाल खेलने से उनका स्टेमिना बहुत बढ़ गया। इस तरह स्टेमिना बढ़ने के कारण हिमा दौड़ते समय थकती नहीं है। उनकी यही खासियत उन्हें धावकों से आगे बढ़ने में मदद करती है। हिमा को दौड़ने के साथ फुटबाल में भी रूचि थी। स्कूल में हिमा फुटबाल ही खेलती थी और इस खेल में कैरियर भी बनाना चाहती थीं। लेकिन फुटबाल के साथ-साथ उन्हें रेसिंग में भी इंटरेस्ट के कारण हिमा आज भारत के कुछ चुनिंदा धावकों में से एक हैं। हिमा दास ने जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की है। वहीं के एक टीचर ने हिमा को दौड़ने के लिए प्रेरित किया उसके बाद हिमा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, वह हमेशा आगे ही बढ़ती रही।
हिमा ने बनाए रिकॉर्ड
हिमा ने अप्रैल 2018 में गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ खेलों की 400 मीटर की स्पर्धा में हिमा दास ने 51.32 सेकेंड में दौड़ पूरी करते हुए छठवें स्थान पर रहीं। उसके बाद 4X400 मीटर स्पर्धा में उन्होंने सातवीं रैंक हासिल की। अभी हाल में गुवाहाटी में आयोजित अंतर्राज्यीय चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने जीत कर अपने जिले का नाम रोशन किया। इसके अलावा 18वें एशियन गेम्स में हिमा दास ने दो दिन में दूसरी बार महिला 400 मीटर में राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़कर सिल्वर मैडल जीता है । विश्व यू-20 चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्विटर पर बधाई दी।
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