गौठानों, चारागाहों, गार्डनों में जनभागीदारी के साथ आयोजित होगा वृक्षारोपण अभियान …..अपर मुख्य सचिव मंडल ने रायपुर संभाग की ली समीक्षा बैठक
नरवा के ट्रीटमेंट से सालभर पानी और क्षेत्र के लोगों को मिलेगा लाभ
रायपुर — छत्तीसगढ़ शासन के अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा वन विभाग श्री आर.पी.मंडल ने छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गौठानों, चारागाहों, खाली पड़े बड़े शासकीय पैचों और सहित नगरीय क्षेत्रों के सभी उद्यानों में चालू मानसून सत्र के दौरान जनसहभागिता के साथ सघन वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए है। श्री मण्डल ने कहा कि पौधरोपण के साथ यह बहुत जरूरी है कि पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। श्री मण्डल आज यहां जिला कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्राॅस सभाकक्ष में रायपुर संभाग के जिला कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और वनमण्डल अधिकारियों की बैठक लेकर वृक्षारोपण और गौठानों, चारागाह व नरवा के कार्यो की प्रगति समीक्षा की।
अपर मुख्य सचिव श्री मण्डल ने कहा कि प्रत्येक गौठान में कम से कम 400 पौधे और हर चारागाह में कम से कम 2000 पेड़ लगाये जायें। उन्होंने कहा कि इसकी सतत मॉनिटरिंग की जाए कि लगाया गया हर पेड़ जीवित रहे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राजधानी रायपुर सहित संभाग के सभी नगरीय निकायों के गार्डनों में भी अभियान चलाकर वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा नवा रायपुर अटलनगर सहित पीएचक्यू कैम्पस, आईआईएम, ट्रिपल आईटी, लाॅ युनिवर्सिटी सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों के बड़े-बड़े कैम्पसों में इस बार सघन वृक्षारोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा संभाग के ऐसे शैक्षणिक और शासकीय परिसर जहां फेसिंग है वहां प्राथमिकता से वृक्षारोपण किया जाए। श्री मण्डल ने कहा कि पौधरोपण के कार्य में जनभागीदारी सुनिश्चित हो ताकि पौधा लगाने के बाद उसकी समुचित देख-रेख हो सके। श्री मंडल ने नदी तट पर वृक्षारोपण के लिये पैच चिन्हांकित कर और वहां सघन वृक्षारोपण करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
मण्डल ने कहा कि घरों में पेड़ लगाने के इच्छुक लोगों को घर तक जाकर पौधे उपलब्ध कराए जा रहे है। एक फोन पर उन्हें यह सेवा हरियाली प्रसार वाहन के माध्यम से घर पहंुचकर उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने सभी डीएफओ को निर्देश दिया कि इस सेवा का व्यापक प्रचार-प्रसार करें ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सके।
अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहरों के नजदीक 10-15 एकड़ जमीन चिन्हांकित कर सिटी फारेस्ट बनाए जाएं। शहरों मंे बनाये जाने वाले सिटी फारेस्ट 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जी की जयंती तक बनकर तैयार हो जाये। ये सिटी फारेस्ट गांधी आक्सी टाउन के नाम से जाने जायेंगे।
मंडल ने बताया कि नरवा विकास योजना के तहत वैज्ञानिक तरीके से नालों का उपचार कर उसे उस क्षेत्र में खेती के लिए सिंचाई और जलस्तर बढ़ाने के लिये लाभदायक बनाया जायेगा। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को अपने यहां ऐसे नालों का चिन्हांकन करने के निर्देश दिए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके। बैठक में नाले की चयन प्रक्रिया, बेस लाईन सर्वे, ट्रीटमेंट एरिया का चिन्हांकन आदि के संबंध में प्रेजेंटेंशन भी प्रस्तुत किया गया। सभी जिला कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और डीएफओ ने वृक्षारोपण, गौठान और चारागाह के लिये उनके जिलों में निर्धारित लक्ष्य की जानकारी दी।