मानव-हाथी द्वंद्व को देखते हुए प्रभावित राज्यों के बीच समझौता करने के लिए भेजा गया एमओयू प्रारूप दिल्ली में लटका
रायपुर — हाथियों की सुरक्षा तथा मानव और हाथी द्वंद्व को देखते हुए अंतर्राज्यीय पहल के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रभावित राज्यों के मध्य समझौता करने के लिए एमओयू करने हेतु भारत सरकार को भेजा गया प्रारूप अब तक अधर में लटका हुआ है। । प्रारूप को भेजे हुए 14 माह से भी अधिक समय बित गया है। ये जानकारी वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने विधानसभा में विधायक पारसनाथ राजवाड़े के लिखित प्रश्रों के लिखित जवाब में दी है।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ के कई जिले हाथियों से प्रभावित है। हाथियों के उत्पात से न केवल लोगों के घरों व फसलों को भारी नुकसान होते आ रहा है, बल्कि कई लोगों की जाने भी जा चुकी है। हाथियों के उत्पात के कारण आये दिन मानव व हाथी द्वंद्व होते रहते है। जिससे हाथी की जान को भी खतरा रहता है। लोग आवेश में आकर हाथी की जान लेने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसे हालात छग राज्य के अलावा देश के अन्य हाथी प्रभावित राज्य भी है, जहां आये दिन हाथियों और मानव द्वंद्व की खबरें सुनने को मिलती है। छग की पूर्व सरकार ने मानव व हाथी द्वंद्व को देखते हुए 3 अप्रैल 2018 को भारत शासन नई दिल्ली को प्रभावित राज्यों के मध्य समझौता करने के लिए एमओयू करने का प्रारूप भेजा था। लेकिन इस एमओयू प्रारूप पर अभी तक भारत शासन द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जिसके कारण यह प्रारूप दिल्ली में ही लटका हुआ है।