कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा — उचित दर पर किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज, उर्वरक और कीटनाशक मिले
राज्य एवं जिला स्तर पर उड़नदस्ता दलों द्वारा
बीज, उर्वरक और कीटनाशी विक्रय एवं निर्माण केन्द्रों की आकस्मिक जांच
रायपुर — कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने उचित दर पर किसानों को अच्छी गुणवत्ता बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि यह राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसे अभियान के रूप में चलाने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर उड़नदस्ता दलों का गठन भी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य स्तरीय उड़नदस्ता दलों के द्वारा 8 स्थानों की जांच कर अमानक खाद एवं बीज विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही की गई है। इसके तहत राजनांदगांव जिले के ग्राम अंजोरा के श्री बलराम कृषि (उत्पादन एवं विपणन) को-ऑपरेटिव सोसायटी (सबको) के जैविक उर्वरक निर्माण केन्द्र का निरीक्षण किया गया है तथा यहां विक्रय के लिए उपलब्ध ‘फास्फेट रिच ऑर्गेनिक मैन्योर‘ एवं निर्मित किए जा रहे सामग्रियों को जब्त कर विक्रय प्रतिबंधित किया गया। महासमुंद एवं रायपुर जिले के तीन निर्माण स्थलों में एक साथ छापेमार कार्रवाई की गई। महासमुंद जिले के औद्योगिक क्षेत्र बिरकोनी में श्री तुलसी फास्फेट लिमिटेड के उर्वरक (सूक्ष्म तत्व) निर्माण परिसर में उर्वरक (नियंत्रण) आदेश-1985 के उल्लंघन पर यहां के उर्वरक स्टॉक में रोक लगायी गई। रायपुर के उरला औद्योगिक क्षेत्र में अल्फा बायो प्रोडक्ट्स में बोरॉन (उर्वरक) के साथ ही कीटनाशी रसायनों का भी बिना अनुमति निर्माण करना पाया गया। भनपुरी रायपुर में स्थित ‘माधव एग्रो केन्द्र प्राईवेट लिमिटेड‘ में एक वर्ष पूर्व निर्मित जिंक सल्फेट के रिपैकिंग की संभावना में रोक लगाते हुए निर्माता को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया।
इसी तरह महासमुंद जिले के ग्राम बिरकोनी स्थित जैनिथ एग्री जोन प्राईवेट लिमिटेड में निर्मित किए जा रहे कीटनाशी रसायनों के ‘एन्टीडोट दवाओं‘ तथा अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों की अनुपलब्धता के कारण तथा रायपुर के यूनाईटेड पेस्टीसाईड लिमिटेड एवं दुर्ग जिले के ग्राम रवेलीडीह के अर्थवा एग्रो केमिकल के निर्माण स्थल के संदेहास्पद स्टॉक पर रोक लगायी गई है। राजनांदगांव शहर स्थित कोठारी कृषि केन्द्र में राज्य स्तरीय दल के निरीक्षण के दौरान अवैध रूप से बीज एवं कीटनाशी रसायनों का भण्डारण पाए जाने पर दुकान एवं गोदाम को सील किया गया।
जिला स्तरीय उड़नदस्ता दलों के द्वारा भी सघन कार्यवाही की गई है। इसके तहत बीज से संबंधित 858 विक्रय केन्द्र, उर्वरक से संबंधित 912 विक्रय केन्द्र तथा कीटनाशी रसायन विक्रय से संबंधित 593 केन्द्र इस प्रकार कुल 2 हजार 363 विक्रय केन्द्रों का सघन निरीक्षण किया गया है।
9 बीज विक्रय केन्द्रों, 10 उर्वरक विक्रय-निर्माण केन्द्रों तथा 3 कीटनाशी रसायन विक्रय-निर्माण केन्द्र सहित कुल 22 प्रतिष्ठानों में अवैध भंडारण अथवा संदेहास्पद निर्माण प्रक्रिया अथवा सामग्री के अमानक होने की आशंका होने के दृष्टिगत यहां की सामग्री जप्त की गई।
इसी प्रकार 58 प्रतिष्ठानों में विक्रय प्रतिबंध लगाया गया है। 13 अनुज्ञप्तिधारी विक्रेताओं को जारी अनुज्ञा निलंबित की गई है। इसके अलावा 2 प्रतिष्ठानों को जारी उर्वरक विक्रय अभिस्वीकृति भी निरस्त की गई। 2 प्रकरणों में पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। 16 प्रकरण न्यायालय अथवा जिला दण्डाधिकारी कोर्ट में प्रस्तुत किए जा चुके है।