अब ग्रामीण राशन कार्ड धारको के साथ-साथ शहरी गरीबों को भी मिट्टी तेल दिये जाने के फैसले का कांग्रेस ने किया स्वागत
मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है : कांग्रेस
गांव वालों के साथ-साथ शहरी गरीबों को भी मिट्टी तेल दिये जाने का कांग्रेस ने किया स्वागत
रायपुर — 13 लाख राशन कार्ड धारको के मिट्टी तेल कोटे में केन्द्र सरकार के द्वारा कटौती किये जाने के बावजूद राज्य की कांग्रेस की भूपेश बघेल जी की सरकार द्वारा अब ग्रामीण राशन कार्ड धारको के साथ-साथ शहरी गरीबों को भी मिट्टी तेल दिये जाने के फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के 13 लाख राशन कार्ड धारकों के हित के खिलाफ केन्द्र की भाजपा सरकार के फैसले के बावजूद भूपेश बघेल सरकार के इस गरीब समर्थक निर्णय से पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गयी है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जानकारी दी है कि कांग्रेस ने 20 जुलाई को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ मिट्टी तेल कोटे में कटौती, दाल भात केन्द्रों में चांवल कटौती, शक्कर कारखानों से शक्कर उठाना बंद किया आदि मांगो को लेकर आंदोलन किया। मोदी सरकार ने पहले दाल भात केन्द्रों, छात्रावासो का चांवल बंद किया। शक्कर कारखानों से शक्कर उठाना बंद किया। केन्द्र की मोदी भाजपा की सरकार ने छत्तीसगढ़ के कैरोसीन मिट्टी तेल कोटे में कटौती जैसे गरीब विरोधी फैसलों से छत्तीसगढ़ को नुकसान पहुंचाया है। 12.90 लाख लगभग 13 लाख राशन कार्डो के धारको को कैरोसीन का वितरण प्रभावित हो गया। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ राज्य को केरोसिन आवंटन कोटे को वर्तमान 1.15 लाख किलोलीटर से 1.58 लाख किलोलीटर किये जाने की मांग की थी। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2016 से आरंभं ‘‘उज्जवला’’ योजना में 26.79 लाख कनेक्शन वितरित किये जा चुके है। भारत सरकार की नीति अनुसार ‘‘उज्जवला’’ योजनान्तर्गत वितरित कनेक्शनों की संख्या में वृद्धि के आधार पर राज्य को केरोसिन का आबंटन 1.72 लाख लीटर के स्थान पर 1.15 लाख किलोमीटर कर दिया गया है। पहली तिमाही 28764 कि.लि. दिया गया, दूसरी तिमाही 17880 कि.लि. किया गया, जिससे 38 प्रतिशत की कटौती की गयी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 मार्च 2019 को पत्र लिखकर कैरोसीन की कोटा बढ़ाने की मांग की थी। छत्तीसगढ़ को 2015-16 कैरोसिन मिट्टी तेल 1.7 लाख कि.लि. दिया जाता था, जिसे 2018-19 में 1.15 लाख कि.लि. करने की मांग की थी।