रविदास मंदिर ध्वस्त करने को लेकर विरोध प्रदर्शन, अमरिंदर की मोदी से हस्तक्षेप की मांग
मुख्यमंत्री ने विरोध प्रदर्शनों को संज्ञान में लेते हुए रविवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वह धार्मिक ढांचों और ऐतिहासिक महत्व की संरचनाओं को ध्वस्त करने के पक्ष में नहीं हैं जिससे किसी समुदाय की भावनाएं जुड़ी हों। मंदिर के ध्वस्तीकरण की खबरों के बीच दलितों ने शनिवार को पंजाब में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री सिंह ने समुदाय के सदस्यों से अपना विरोध प्रदर्शन वापस लेने की अपील की और कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ इस मामले को सुलझाने के लिए पूरा समर्थन देने को तैयार है।
सिंह ने इसके साथ ही मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए भूमि के पुन: आवंटन की खातिर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की। जमीन कथित तौर पर दिल्ली विकास प्राधिकरण की है। किंवदंती के अनुसार जिस पवित्र स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया था, वहां गुरु रविदास सिकंदर लोधी के शासनकाल में 1509 के आसपास आये थे। सिंह ने समुदाय को इस मामले के हल और उसी स्थान पर मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सभी तरह की कानूनी और वित्तीय मदद का वादा किया। उन्होंने इसके साथ ही समुदाय के धार्मिक और राजनीतिक प्रतिनिधियों से मुलाकात करने और केंद्र के साथ इस मुद्दे के हल के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया।