खरीफ फसल के लिए गंगरेल बांध से छोड़ा जाएगा पानी …. किसानों को मिलेगी राहत
जल संसाधन मंत्री ने किसानों की मांग पर खरीफ फसल की सिंचाई के लिए पानी छोड़ने के दिए निर्देश……
रायपुर – प्रदेश में अल्प वर्षा की स्थिति को देखते हुए किसानों को खरीफ फसल की सिंचाई के लिए रविशंकर सागर जलाशय गंगरेल से पानी देने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने आज 17 अगस्त से जलाशय से नहरों में पानी छोड़ने के निर्देश महानदी परियोजना के मुख्य अभियंता को दिए है। जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे आज यहां रायपुर जिले के आरंग में आयोजित जिला स्तरीय किसान ऋण माफी तिहार में किसानों की मांग पर यह निर्देश जारी किए है। श्री चौबे ने कहा कि जलाशय में आरक्षित जल की मात्रा को संरक्षित रखते हुए 17 अगस्त से किसानों को खरीफ फसल की सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की कार्रवाई की जाए। पानी का अपव्यय न हो इसके लिए आवश्यक इंतजाम भी सुनिश्चित किए जाए।
मुख्य अभियंता महानदी परियोजना रायपुर ने बताया कि निर्देशानुसार खरीफ फसल की सिंचाई के लिए किसानों को पानी मुहैया कराने की कार्यवाही शुरू की जा रही है। उन्होंने बताया कि 16 अगस्त की स्थिति में महानदी परियोजना समूह के तीनों जलाशय रविशंकर सागर जलाशय, मुरूमसिल्ली जलाशय एवं दुधावा जलाशयों में क्रमशः 344.89 मि.घ.मी. (44.89 प्रतिशत), 51.74 मि.घ.मी. (31.94 प्रतिशत) तथा 108.75 मि.घ.मी.(38.28 प्रतिशत) जल भराव उपलब्ध है। इस प्रकार तीनों जलाशयों में कुल 504.77 मि.घ.मी. जल भराव है जबकि गत वर्ष इसी अवधि में उपरोक्त तीनों जलाशयों में कुल 815.88 मि.घ.मी. जल भराव था।
उन्होंने बताया कि महानदी जलाशय परियोजना के उपरोक्त तीनों बांधों में संचित जल की मात्रा में से प्रतिवर्ष पेयजल के लिए 140 मि.घ.मी., निस्तारी के लिए 71 घन.मी. औद्योगिक प्रयोजन के लिए 85 मि.घ.मी., वाष्पीकरण हेतु 60 मि.घ.मी. और अन्य स्थानीय उपयोग व मत्स्य पालन हेतु 40 घन मी. इस प्रकार कुल 396 मि.घ.मी. जल आरक्षित रखा जाता है। उपरोक्तानुसार आरक्षित जल के उपयोग के उपरांत सिंचाई के लिए मात्र 108.77 मि.घ.मी. जल ही शेष रहेगा। महानदी नहर प्रणाली अंतर्गत रायपुर, धमतरी, बालोद और बलौदाबाजार-भाटापारा जिला शामिल है जहां 2 लाख 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए लगभग 1100 मि.घ.मी. जल की आवश्यकता होगी। मुख्य अभियंता ने बताया कि वर्तमान में जलाशयों में उपलब्ध जल भराव से इन जिलों में 8 दिनों तक पानी दिया जा सकेगा।