झूठा रिपोर्ट दर्ज कराने वाली समीरा पैकरा और झूठा शपथ पत्र देने वाले पतरस तिर्की के विरुद्ध अपराध दर्ज किये जाने की मांग…

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गौरेला पुलिस द्वारा बगैर जांच के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मरवाही के विधायक अजीत जोगी के विरुद्ध दर्ज किये गये एफआईआर को झूठा बताते हुए उसे शून्य घोषित किये जाने का जो आवेदन पुलिस को सौंपा गया गया है उसमें आवेदक ने उल्लेखित किया गया है कि उन्हें पुलिस की कार्य प्रणाली पर संदेह है इसलिए राजनीतिक दबाव में कागजात नष्ट किये जाने के भय से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दी गई सत्यापित कापी की मूल प्रति पुलिस के पास जमा नहीं किया जा रहा है बल्कि नोटरी द्वारा सत्यापित की गई कापी को जमा किया जा रहा है और पुलिस को जब भी आवश्कता होगी उन्हें मूल कापी उपलब्ध करा दी जाएगी।

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के वरिष्ठ नेता रामनिवास तिवारी ने रविवार को गौरेला थाना एवं सोमवार को पुलिस महानिदेशक रायपुर, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पेंड्रारोड को आवेदन प्रेषित करके पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के विरुद्ध पुलिस के द्वारा बगैर जांच के एकतरफा झूठा एफआईआर का आरोप लगाते हुए उसे शून्य घोषित करने का मांग किया है एवं उन्होंने आवेदन में उल्लेखित किया है कि समीरा पैकरा तथा पतरस तिर्की के विरुद्ध दिनांक 05 सितम्बर को पेंड्रा थाना एवं दिनांक 06 सितम्बर को गौरेला थाना तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पेंड्रारोड को दिए गए आवेदन के बावजूद जांच के नाम पर अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है जिसके कारण उन्हें पुलिस की निष्पक्षता में संदेह है। इसलिये उन्होनें दिनांक 15 सितम्बर को नोटरी पेंड्रारोड द्वारा सत्यापित प्रति गौरेला थाना में प्रस्तुत की गई है जबकि उनके पास मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दी गई सत्यापित कापी की मूल प्रति भी उपलब्ध है। मूल प्रति गौरेला थाने को नहीं सौंपे जाने का कारण बताते हुए आवेदक रामनिवास तिवारी ने कहा है कि उन्हें इस हाई प्रोफाइल मामले में अजीत जोगी खिलाफ किसी बड़े राजनीतिक षडयंत्र की बू आ रही है।

आवेदक राम निवास तिवारी ने रविवार की रात को गौरेला थाना प्रभारी को आवेदन दिया है कि समीरा पैकरा के द्वारा 05 सितंबर 2019 को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के विरुद्ध गौरेला थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया है जिसमें पेंड्रारोड (गौरेला) के पूर्व नायब तहसीलदार एवं पूर्व अतिरिक्त तहसीलदार पतरस तिर्की के द्वारा 04 सितंबर 2019 को दिए गए शपथ पत्र को आधार बनाया गया है। जिस शपथ पत्र को झूठे तथ्यों के आधारित बताया गया है जिन्हें झूठा प्रमाणित करने के लिए पतरस तिर्की के द्वारा पूर्व में दिए गए कथन के दस्तावेज की नोटरी द्वारा सत्यापित प्रतिलिपि पुलिस को सौंपी गई है।

रामनिवास तिवारी ने अपने द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर अजीत जोगी के विरुद्ध गौरेला थाना में दर्ज एफआईआर को शून्य घोषित कर झूठा रिपोर्ट दर्ज कराने वाली समीरा पैकरा तथा झूठा शपथ पत्र देने वाले पतरस तिर्की के विरुद्ध अपराध दर्ज किये जाने की मांग किया है।

समीरा और पतरस तिर्की के विरुद्ध कोर्ट में परिवाद दायर 4 अक्टूबर को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने टीआई को निर्देश

रामनिवास तिवारी ने पेंड्रारोड के न्यायिक दंडाधिकारी वर्ग एक असलम खान के न्यायालय में समीरा पैकरा एवं पतरस तिर्की के विरुद्ध धारा 465, 466, 468, 469, 471 के तहत अपराध दर्ज करने का परिवाद दायर किया है। इस परिवाद को न्यायिक दंडाधिकारी ने स्वीकार करते हुए गौरेला थाना के टीआई को आदेशित किया है कि वह 4 अक्टूबर को न्यायालय में इस संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। परिवाद में उल्लेखित किया गया है कि पतरस तिर्की द्वारा 4 सितंबर को बिलासपुर में नोटरी के समक्ष झूठा शपथ पत्र निष्पादित किया गया है कि वर्ष 1967-68 में गौरेला पेंड्रा में नायब तहसीलदार का कार्यालय अस्तित्व में नहीं था और उनके द्वारा इस दौरान अजीत जोगी को प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। इसी शपथ पत्र के आधार पर समीरा पैकरा ने अजीत जोगी के विरुद्ध गौरेला थाने में अपराध दर्ज कराया है। जिसपर परिवाद में उल्लेखित किया गया है कि समीरा पैकरा को ज्ञात होते हुए पतरस तिर्की का शपथ पत्र झूठा एवं कूट रचित है उसके बावजूद भी उन्होंने कूट रचित दस्तावेज को थाने में सही बताकर अजीत जोगी के विरुद्ध अपराध दर्ज करा दिया है। परिवाद में यह भी लिखा गया है कि इस कूट रचित दस्तावेज को दोनों आरोपीगणों ने जानबूझकर अजीत जोगी को नुकसान पहुंचाने, उनके विधानसभा की सदस्यता समाप्त कराने और उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने तथा उनकी ख्याति को नुकसान पहुंचाने के लिए उपयोग में लाया गया है जो कि धारा 465, 466, 468, 469, 471 के तहत दंडनीय अपराध है।

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