शादी की रस्मों में लड़की लड़के के बाईं ओर ही क्यों बैठती है , वजह आप भी जानिए

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हिंदू धर्म में शादी को बहुत ही पवित्र काम माना गया है। इसीलिए इसमें निभाई जाने वाली रीति-रिवाजों का भी बहुत महत्व है। विवाह के इन्हीं नियमों में से एक के तहत लड़की को लड़के के बाईं ओर रखा जाता है। तो क्या है इस नियम की वजह आइए जानते हैं…..

1. हिंदू धर्म के अनुसार पत्नी को वामांगी माना जाता है। इसलिए शादी से लेकर अन्य शुभ कार्यों में पत्नी पति के बाईं ओर ही बैठती है।

2. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्त्रियों का बायां हिस्सा शुभ माना जाात है। कहते इनमें देवी मां का वास होता है।

3. हस्तशास्त्र में भी लड़के के दाएं और लड़की का बायां हाथ देखने की प्रथा है। माना जाता है कि शरीर में मस्तिष्क का बायां हिस्सा उसकी रचनात्मकता तथा दायां हिस्सा कर्म का प्रतीक होता है।

4. पौराणिक दृष्टिकोण से महिलाएं दिल से सोचती हैं और क्रियाशील होती हैं इसलिए उनका बायां अंग अहम होता है। जबकि लड़के दिमाग से काम करते हैं इसलिए उनका दायां हिस्सा जरूरी होता है।

5. स्त्री को प्रेम और ममता का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा उनमें रचनात्मकता बचपन से ही होती है इसलिए पत्नी का बायीं ओर होना शुभ माना जाता है। इससे कार्यों में शुभता आती है।

6. विवाह के अलावा हिंदू धर्म में खास पर्वों, पूजा-पाठ एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भी स्त्री को पुरुष के बायीं ओर बिठाया जाता है। इसका कारण धार्मिक कार्य को बिना किसी विघ्न के पूर्ण किया जाना होता है।

7. महिलाएं हमेशा बायीं ओर इसलिए भी होती हैं क्योंकि वो अपने पति को हर चीज में प्रथामिकता देना चाहती हैं। वहीं पुरुष का कर्तव्य होता है कि वो अपनी पत्नी की जिम्मेदारियां उठाए। इसलिए उसके दायीं ओर होने का मतलब है कि वो दृढ़ता के साथ अपने रिश्ते को निभाएगा और हमेशा स्त्री का सम्मान करेगा।

8. इसके अलावा किसी धार्मिक अनुष्ठान में पत्नी को इसलिए पति के बायीं ओर बिठाते हैं ताकि दोनों के गुणों का मिलान हो सके। इसके फलस्वरूप उन्हें उनके कार्य में सफलता मिल सके।

9. विवाह के दौरान जब महिला और पुरुष फेरों के लिए खड़े होते हैं, तब भी महिलाओं का बायां तथा पुरुषों का दायां हाथ आपस में मिलवाया जाता है। ताकि जीवन के हर मोड़ पर उनमें प्रेम व सद्भाव बना रहें। साथ ही वे एक-दूसरे को सहारा दे सकें।

10. दुल्हन-दूल्हे के बायीं ओर इसलिए भी रहती हैं क्योंकि लड़के का काम लड़की की जिम्मेदारी उठाना होता है। लड़के का पहले बैठना इस बात को दर्शाता है कि वो जीवभर लड़की की रक्षा करेगा और उस पर आने वाली मुसीबतों का सामना पहले वो करेगा।

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