शराबबंदी के मुद्दे पर दग़ाबाजी करना और राजनीतिक चतुराई दिखाना अंतत: कांग्रेस को बहुत महंगा पड़ेगा — भाजपा

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मंत्री सिंहदेव के बयान से साफ हो गया है कि सरकार कोरोना मुक्त प्रदेश के लिए क़तई गंभीर और संज़ीदा नहीं : सुंदरानी

चाटुकारिता के फेर में कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. पांडेय के पत्र पर प्रलाप करके दाल-भात में मूसलचंद क्यों बन रहे हैं?

 

 

रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने शराबबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं के नित नए बयानों को शर्मनाक बताते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग शराबबंदी के मुद्दे पर गोलमोल बातें करके अपने राजनीतिक चरित्र में रची-बसी दग़ाबाजी, वादाख़िलाफ़ी और भ्रष्ट मानसिकता का परिचय दे रहे हैं। श्री सुंदरानी ने कटाक्ष किया कि कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के नेता सियासी लफ्फाजियों से बाज नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस के लोग यह बात अच्छी तरह समझ लें कि गंगाजल की कसम खाकर शराबबंदी के मुद्दे पर दग़ाबाजी और राजनीतिक चतुराई दिखाना अंतत: कांग्रेस को बहुत महंगा पड़ेगा।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायकर श्री सुंदरानी ने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य (राज्यसभा) डॉ. सरोज पांडेय के लिखे पत्र पर मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस नेताओं के बयानों ने साफ कर दिया है कि सरकार प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करने को तैयार ही नहीं है और वह इसे अगले चुनाव लंबा खींचकर इस पर राजनीति करने पर उतारू हो चुकी है। कांग्रेस प्रवक्ताओं के बयान को लेकर श्री सुंदरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री की चाटुकारिता में अव्वल रहने के फेर में मुख्यमंत्री बघेल और भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य डॉ. (सुश्री) पांडेय के बीच हुए पत्र-व्यवहार पर अपना प्रलाप करके वे दाल-भात में मूसलचंद बनने की चेष्टा क्यों कर रहे हैं, जबकि उस पत्र का ज़वाब देकर मुख्यमंत्री बघेल ज़ुबानी जमाखर्च करने की अपनी फितरत दिखा चुके हैं। श्री सुंदरानी ने सवाल किया कि गंगाजल की कसम खाकर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करने का वादा किसने किया था? तो अब मुख्यमंत्री को बताना होगा कि अपना यह वादा वह कब तक पूरा करेंगे? कोरोना संकट में आम आदमी की सेहत की रक्षाके साथ ही दवा व दैनिक ज़रूरतों के सामान की ऑनलाइन होम डिलीवरी सुनिश्चित करने के बजाय शराब की ऑनलाइन होम डिलीवरी कराने वाली अपनी प्रदेश सरकार से भी तो कांग्रेस के नेता कभी मुखर होकर सवाल करने की हिम्मत दिखाएँ। लॉकडाउन में सबकुछ बंद कराने वाली सरकार शराब बेचना बंद नहीं कर रही है। ऐसा लग रहा है कि शराब बेचे बिना सरकार तड़पने लगती है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि कोरोना संकट के प्रसार के बावज़ूद कांग्रेस की सरकार शराब की कमाई के मोह में इतनी जकड़ चुकी है कि अब उसे अपना भला-बुरा कुछ भी नहीं सूझ रहा है और जब प्रदेश सरकार को उसके वादे की याद दिलाओ तो वे बिफर पड़ते हैं और घूम-फिरकर प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी के ख़िलाफ रूदालियों की तरह पसरने लगते हैं। भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद डॉ. (सुश्री) पांडेय से सवाल करने से पहले मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस के नेता इस बात का ज़वाब दें कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के उस बयान का क्या अर्थ है जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि अब जो प्रदेश में लॉकडाउन लगाया गया है, वह जनता के कहने पर लगाया गया है, कोरोना को रोकने में वह प्रभावी सिद्ध नहीं होगा। श्री सुंदरानी ने कहा कि मंत्री सिंहदेव के बयान से साफ हो गया है कि प्रदेश सरकार अब भी कोरोना मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए क़तई गंभीर और संज़ीदा नहीं है। पीएम से अधिकार मांगकर सीएम ने वह डीएम को दे दिया। आम आदमियों को कोरोना के नाम पर मास्क पहनने के लिए बाध्य और जुर्माना करने वाली सरकार को इस बात पर ज़रा भी शर्म क्यों महसूस नहीं होती कि संसदीय सचिवों तथा निगम-मंडलों के अध्यक्षों के पदभार ग्रहण समारोह में पूरा तामझाम किया जाता है, मास्क नहीं पहना जाता और सोशल डिस्टेंसिंग की तो पूरी धज्जियाँ उड़ाने में सरकार और कांग्रेस के लोग अपनी शान समझते हैं।

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