सफलता की कहानी : संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने ‘मोचो जचकी-मोचो अस्पताल‘ अभियान ।

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पहुचविहीन गांवों की गर्भवती माताओं के सुरक्षित प्रसव में मददगार बना यह अभियान
 
अतिसंवेदनशील गांव की प्रमिला की नन्ही परी का जिला अस्पताल में हुआ जन्म
रायपुर, 27 अगस्त 2020 —  राज्य शासन की मंशा अनुसार प्रदेश में गर्भवती महिलाओं की पूर्ण देखभाल एवं संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोण्डागांव जिले में जिला प्रशासन द्वारा ‘मोचो जचकी मोचो अस्पताल‘ नाम से एक अभिनव अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गर्भवती माताओं को गर्भकाल के प्रथम महिने से ही निगरानी में रखा जाता है एवं सतत् रूप से समय-समय पर उन्हें लगने वाले टीकों, खान-पान, सुरक्षा एवं स्वस्थ आदतों के विकास के लिए मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं जिला प्रशासन के कॉल सेंटर से नियमित जानकारी प्रदान की जाती है। गर्भवती माता को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है। सुदूर अंचलों में बसे ग्रामों एवं पहुंचविहीन ग्रामों की गर्भवती महिलाओं किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके लिए समय प्रसव हेतु अस्पताल तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक गांवों में शासकीय वाहन के अतिरिक्त निजी वाहनों को भी चिन्हाकित किया गया है, जिसके जरिए गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके।
‘मोचो जचकी मोचो अस्पताल‘ अभियान के सुखद परिणाम अब सामने आने लगे हैं। इसके तहत् बीते दिनों को पहुंचविहीन ग्राम पंचायत कड़ेनार के आश्रित ग्राम डोडेम की निवासी प्रमिला सोरी को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया था, जहां उन्होंने सुंदर कन्या को जन्म दिया। गौरतलब है कि डोडेम, जिला मुख्यालय से 60 किमी की दूरी पर बसा अतिसंवेदनशील एवं पहुंचविहीन गांव हैं। गांव में वर्षा ऋतु के दौरान आवागमन नदी नालों के उफान और कच्चे मार्ग होने के कारण अवरूद्ध हो जाता हैं। उक्त स्थिति के मद्देनजर जब प्रमिला सोरी के प्रसव में 15 दिन शेष रह गये थे तब उन्हें चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सलाह पर अपने मातृगृह भेजा गया ताकि सही समय पर उसे चिकित्सकीय सुविधा मिल सके। प्रसव पीड़ा प्रारंभ होने पर उन्हें स्थानीय पंच सम्पत कोर्राम एवं मितानिन द्वारा आयुष कर्मी प्रकाश बागड़े की सहायता से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मर्दापाल ले जाया गया, जहां पर स्वास्थ्य जांच के उपरान्त प्रसव में कठिनाईयों को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया। मर्दापाल से जिला अस्पताल तक प्रसूता को ले जाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मोचो जचकी मोचो अस्पताल अभियान के तहत् तुरंत वाहन का प्रबंध किया गया। जिला अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ द्वारा जांच उपरान्त प्रसव कठिनाईयों को देखते हुए ऑपरेशन के जरिए सुरक्षित प्रसव कराया गया। प्रसव के दौरान प्रमिला के शरीर में खून की कमी को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा दो बॉटल खून की भी व्यवस्था की गई। प्रसव पश्चात प्रसूता के पति को एक हजार रूपये की आर्थिक सहायता एवं मातृत्व वंदना योजना के अन्तर्गत महिला को 5 हजार रूपये की सम्मान राशि दी गई। ‘मोचो जचकी मोचो अस्पताल‘ अभियान के तहत सुरक्षित संस्थागत प्रसव एवं जच्चा-बच्चा के जीवन रक्षा के लिए मिली मदद के लिए प्रसूता एवं उसके परिजनों ने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का आभार जताया।

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