नीलिमा मिंज 12 वां डॉ. अम्बेडकर यूथ डिगनिटी अवार्ड 2019 से हुई सम्मानित

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दिल्ली  —  यूथ फॉर सोशल जस्टिस द्वारा नई दिल्ली में 12 वाँ यूथ डिगनिटी फेस्टिवल का आयोजन किया गया। जिसमें ऐसे युवाओं का चयन किया गया जो लगातार समाज में
समता, स्वतन्त्रता और बंधुत्व स्थापित करने में योगदान देते हैं और सामाजिक परिवर्तन में सकारात्मक भूमिका में हैं । यूथ फॉर सोशल जस्टिस द्वारा प्रतिवर्ष देश के ऐसे युवाओं की खोज करके सम्मानित किया जाता है|
जिसमें अलग अलग क्षेत्र के लगभग 25 युवाओं को डॉ. अम्बेडकर  यूथ डिगनिटी अवार्ड 2019 से सम्मानित किया गया । छत्तीसगढ़ से यह सम्मान नीलिमा मिंज को दिया गया। नीलिमा मिंज वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रिय जनजातीय विश्वविद्यालय से जनजातीय अध्ययन केंद्र में शोध कार्य कर रही है। साथ ही सामाजिक आन्दोलनों में सक्रिय रहती है। दलित-आदिवासी विषयक सम-सामायिक मुद्दे पर लगातार सक्रीय रहने के कारण नीलिमा मिंज को डॉ. अम्बेडकर यूथ डिगनिटी अवार्ड 2019 से सम्मानित किया गया। नीलिमा को समाज में समता स्वतन्त्रता बंधुत्व स्थापित करने एवं अम्बेडकरवादी चेतना और सामाजिक परिवर्तन के प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्र निर्माता बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर के 128 वें जन्मदिवस के अवसर पर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। राजनीतिक विज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित 12 वाँ यूथ डिगनिटी फेस्टिवल के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के विचार को फैलाने के साथ युवा प्रत्यक्ष रूप से सामाजिक आन्दोलन में जुड़ रहे हैं इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि ऐसे युवाओं को
ढूंढे और सामाजिक सक्रियता के लिए उन्हें सम्मानित करें और जिस तरह डॉ.आंबेडकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे आज अपने अपने क्षेत्र में युवा
सक्रीय है| और ऐसे युवाओं को सम्मानित करने का कार्य यूथ फॉर सोशल जस्टिस के माध्यम से किया जाता है| छत्तीसगढ़ के जशपुर की रहने वाली नीलिमा मिंज अपने छात्र जीवन से ही सक्रीय रही है 2005 से लगातार जशपुर में आदिवासी समुदाय के बीच सामाजिक चेतना फैलाने का कार्य कर रही है आर्थिक रूप से सक्रीय करने के लिए स्वयं सहायता समूह का निर्माण करने के साथ आदिवासी महिलाओं को सशक्त करने के लिए NGO के माध्यम से जोड़ने का कार्य भी किया| फिर उच्च शिक्षा एम.फिल. , पी.एच-डी. की उपाधि के लिए 2014 में महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा महाराष्ट्र और 2016 से इंदिरा
गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में निवासरत है| अन्तर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में प्रतिभागी बनकर आदिवासी समुदाय का नेतृत्व करने के साथ लेखन में भी सक्रीय है| अपने शोध विषय में उरांव जनजातीय समुदाय के विकास में संचार माध्यम की भूमिका की तलाश करती हुई । जनजातीय संचार माध्यमों की पड़ताल कर रही है| नीलिमा मिंज को इस सम्मान के
लिए चुना जाना जशपुर सहित पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है|

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