भाजपा द्वारा ईवीएम की निगरानी की सलाह विधानसभा चुनावों में हार की खीझ — सुशील आनंद

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ईवीएम पर सवाल उठते ही भाजपाई तिलमिला क्यों जाते हैं?

रायपुर —  प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईवीएम पर सवाल उठते ही भाजपाइयो को पीड़ा क्यों होने लगती है ? विधानसभा चुनाव में कांग्रेसजनों की मुस्तैदी से कुछ गड़बड़ नही कर पाए थे तो अब लोकसभा चुनाव में उसकी रखवाली पर सवाल खड़ा कर खीझ निकाल रहे । प्रदेश की जनता ने देखा था किस प्रकार रमन राज में संदिग्ध लोग ईवीएम स्ट्रांग रूम के बाहर मंडरा रहे थे। भाजपाई समझ रहे है राज्य में कांग्रेस की सरकार है भूपेश बघेल जैसे निष्पक्ष प्रशासक और संविधान में विश्वास रखने वाले मुख्यमंत्री है कुछ भी गड़बड़ी कर नही पाएंगे। तो इसीलिये भाजपाई अनर्गल और अनावश्यक बयानबाजी कर रहे है। भाजपा ईवीएम की ऐसी पैरोकार बन कर सामने आई है, मानों ईवीएम भारतीय जनता पार्टी की खोज हो। जबकि इसी ईवीएम पर विपक्ष में रहते भारतीय जनता पार्टी खुद अनेकों बार सवाल खड़ा कर चुकी है। चुनाव प्रक्रिया से सुधार में और पारदर्शिता लाने के विपक्षी दलों की मांग का भाजपा द्वारा लगातार विरोध भाजपा के आचरण को और संदिग्ध बनाता है।  देश का सभी प्रमुख विपक्षी दल ईवीएम के साथ पचास फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान करवाना चाहता है तो इसका भाजपा क्यो विरोध कर रही है ? भाजपा बताएं निष्पक्ष चुनाव होने देने में उसका क्या नुकसान है ?

 

 

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