मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण को लिखा पत्र ।

0

 

कोविड-19 संक्रमण को रोकने 9 अप्रैल से 6 मई तक पूर्ण कंटेनमेंट जोन घोषित होने के कारण राज्य के लघु और मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें वांछित राहत प्रदान करने का किया अनुरोध

छत्तीसगढ़ चैम्बर आॅफ कामर्स एण्ड इण्डट्रीज के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से की मांग

व्यवसायियों द्वारा विभिन्न प्रकार की विवरणियों को प्रस्तुत करने की अप्रैल एवं मई माह की तिथियों को दो माह के लिए बढ़ाया जाए

व्यवसाय संचालन हेतु लिए गए ऋण के मूलधन और ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा को कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान करने पर विचार किया जाए

 

 

रायपुर, 03 मई 2021 – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर प्रदेश में वर्तमान में 9 अप्रैल से 6 मई की सुबह तक कंटैनमेंट जोन घोषित होने के कारण राज्य के लघु और मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें वांछित राहत प्रदान करने का अनुरोध किया है। श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डट्रीज के अनुरोध पर केन्द्र सरकार से मांग की है कि व्यवसायियों द्वारा विभिन्न प्रकार की विवरणियों को प्रस्तुत करने की अप्रैल एवं मई माह की तिथियों को दो माह के लिए बढ़ाया जाए साथ ही व्यवसाय संचालन हेतु लिए गए ऋण के मूलधन और ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा को कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान करने पर विचार किया जाए

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को पत्र में लिखा है कि – कोविड-19 महामारी की दूसरी और अधिक घातक लहर को रोकने के अंतिम प्रभावी कदम के रूप में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित लगभग सभी जिलों में दिनांक 9 अप्रैल से प्रारंभ कर 6 मई की सुबह तक पूर्ण कटेनमेंट जोन घोषित किये जाने के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां एवं व्यापार-व्यवसाय लगभग बंद है। इससे राज्य में लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यवसायियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस आर्थिक परेशानी में उनकी सहायता के उद्देश्य से कुछ फौरी राहतों की मांग की गई है, जिन पर मैं आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ।

श्री बघेल ने लिखा है कि -अप्रैल माह वित्तीय वर्ष 2021-22 का प्रथम माह होने के कारण टीडीएस एवं टीसीएस एक्ट में कई अनुपालनों की तिथियां निर्धारित है। ऐसे समय में व्यवसायियों द्वारा अपने खातों का मिलान कर विभिन्न प्रकार की विवरणियों को निर्धारित समय-सीमा में प्रस्तुत कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। इनके कार्यालयो, प्रतिष्ठानों में कार्यरत विभिन्न कर्मचारियों जैसे- एकाउंटेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रबंधन स्टाफ इत्यादि भी कोविड से संक्रमित होने के कारण या तो होम आइसोलेशन में है अथवा अस्पताल में हैं। इसी प्रकार व्यवसायियों के विभिन्न कर सलाहकार जैसे- चार्टर्ड एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, कर सलाहकार आदि भी इस महामारी से संक्रमित होने के कारण अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए चैम्बर द्वारा अनुरोध किया गया है कि अप्रैल एवं मई माह की विभिन्न तिथियों को आगामी 2 माह के लिये बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राज्य में वर्तमान में व्यापार-व्यवसायों के लगभग बंद होने जैसी स्थिति के कारण व्यवसाय एवं उद्योगों का नकदी प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है एवं वर्तमान स्थिति में सुधार में लगने वाले संभावित समय को ध्यान में रखते हुए व्यवसायियों के द्वारा विभिन्न बैंकों व वित्तीय संस्थाओं से लिये गये ऋण के मूलधन एवं ब्याज की वापसी में अत्यंत कठिनाई हो रही है। अतः चैम्बर द्वारा यह अनुरोध किया गया है कि उनके व्यवसाय संचालन हेतु लिये गये ऋण के मूलधन एवं ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा में कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान किये जाने पर विचार किया जाए।

श्री बघेल ने कहा है कि राज्य के चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा की गयी उपरोक्त दोनों मागों से राज्य शासन पूर्णतः सहमत है। ये दोनों ही विषय आपके मंत्रालय के क्षेत्राधिकार से संबंधित है। आपदा के इस गंभीर समय में राज्य के लघु एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए इन पर गंभीरता से एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इन न्यायोचित मांगों पर शीघ सकारात्मक कदम उठाये जाने का आग्रह है। यह उपाय चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के व्यवसायियों को वांछित राहत प्रदान करने में काफी सहायक राज्य के चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा की गयी उपरोक्त दोनों मागों से राज्य शासन पूर्णतः सहमत है। ये दोनों ही विषय आपके मंत्रालय के क्षेत्राधिकार से संबंधित है। आपदा के इस गंभीर समय में राज्य के लघु एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए इन पर गंभीरता से एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इन न्यायोचित मांगों पर शीघ सकारात्मक कदम उठाये जाने का आग्रह है। यह उपाय चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के व्यवसायियों को वांछित राहत प्रदान करने में काफी सहायक होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed