साध्वी प्रज्ञा तो क्या, किसी को भी करकरे को देशद्रोही कहने का हक नहीं’
साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एक सहआरोपी ने समीर कुलकर्णी ने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा ही क्या किसी को भी एटीएए के पूर्व चीफ हेमंत करकरे को देशद्रोही कहने का हक नहीं है। समीर मालेगांव विस्फोट मामले में फिलहाल जमानत पर बाहर चल रहे हैं। समीर ने कहा कि साध्वी के बयान और इसके माफी मांगने के बाद वह कांग्रेसी उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को हराने के लिए प्रज्ञा के समर्थन में प्रचार करेंगे।इससे पहले कुलकर्णी ने कहा कि करकरे के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है क्योंकि करकरे ने आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। कुलकर्णी ने कहा कि बहादुरों के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां करना उनके बलिदान के प्रति कृतघ्नता है।हालांकि उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए कहा, ‘विस्फोट मामले में कई सालों तक हिरासत में रहने के दौरान साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित हमें बहुत यातनाएं दी गईं। हो सकता है कि साध्वी ने नाराजगी में बयान दिया हो।’ उन्होंने कहा कि अपनी गलती महसूस करने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने माफी मांग ली है। कुलकर्णी ने कहा कि उनके बयान पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह भोपाल में प्रज्ञा के लिए प्रचार करेंगे।उन्होंने कहा, ‘साध्वी नेता नहीं हैं लेकिन वह अधर्म के खिलाफ लड़ रही हैं। वह दिग्विजय सिंह के खिलाफ लड़ रही हैं। सिंह को हराने के लिए, हम (प्रचार के लिए) वहां जाएंगे। कुलकर्णी ने कांग्रेस और एनसीपी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया। कुलकर्णी ने कहा कि दोनों दलों ने 2008 में उन्हें (विस्फोट के आरोपियों) ‘बली का बकरा’ बनाया।कुलकर्णी को 2017 में मालेगांव विस्फोट मामले में जमानत मिली थी। इस मामले में आरोपी और जमानत पर रिहा चल रहीं प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि करकरे की मुंबई आतंकी हमले के दौरान इसलिए जान चली गई थी क्योंकि एटीएस प्रमुख के तौर पर करकरे ने मालेगांव विस्फोट की जांच के दौरान उन्हें ‘यातनाएं’ दी थीं जिसके बाद उन्होंने करकरे को शाप दिया था।