तनाव का सही प्रबंधन ना होना ही तनाव का कारण है – डॉ चावला

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आपसी समन्वय से दूर होता है तनाव

बिलासपुर — डॉ बलबीर सिंह चावला, प्राचार्य शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय ने कहा है आज की तेज रफ्तार दौड़ती जिंदगी में तनाव एक आम बात है और इसको दूर करने के लिए शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ होना पड़ेगा । मानसिक स्वास्थ होने के लिए कार्यक्षेत्र में कार्य का प्रबंधन करना होगा जिससे सब तनाव मुक्त रहें ।
राज्य मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यस्थल तनाव प्रबंधन कार्यशाला में बोलते हुए उन्होंने लोगों से तनाव मुक्त रहने को कहा|
इस कार्यशाला का आयोजन राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी और बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया ।इसमें शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के 40 अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया ।
मुख्य अतिथि उद्बोधन में बोलते हुए डॉ बीआर नंदा, अस्पताल अधीक्षक राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं राज्य मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में बताया ।उन्होंने प्रतिभागियों की समझ को विकसित करते हुए कहा तनाव से बचा नहीं जा सकता क्योंकि तनाव जीवन का एक हिस्सा है जिसको आसानी से कम किया जा सकता है।ज़रूरी यह है तनाव को पहचान कर उसके बारे में जानकारी लेकर तनाव का प्रबंधन कर सकें। साथ ही उन्होंने कहा पहले परिवार सयुंक्त होते थे अब परिवार एकल हो रहे हैं जिसके कारण परेशानियों को बांटेवाला नहीं होता जिसकी वजह से तनाव बढ़ जाता है| तनाव को खत्म करने के लिए ही राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी द्वारा इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था।
विशिष्ट अतिथि डॉ बीआर होतचंदानी ने कहा उचित प्रबंधन न होने पर लोग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं| एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन, पोस्ट पोमाटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर(पीटीएसडी)भी हो सकता है।इस सब से बचने के लिए आपसी समन्वय से तनाव का प्रबंधन करना होगा ।
मुख्य प्रशिक्षक प्रशांत रंजन पांडे ने कार्य स्थल पर तनाव कार्यशाला में गतिविधियों के साथ-साथ पेंटिंग एवं रोल प्ले के माध्यम से तनाव और उसके लक्षण पर विस्तार से प्रतिभागियों को बताया | उन्होंने बताया वर्क प्लेस पर समन्वय कैसे बैठाया जा सकता है और चिंताओं को आपस में शेयर करने से तनाव कम होता है।कार्यस्थल के साथियों को एक दूसरे के साथ समन्वय बैठाना समानभूति पैदा करना गलत भावना और गलतियों को दूर करना तनाव को कम करने का एक अच्छा साधन होता है|
पेंटिंग के माध्यम से प्रतिभागियों को बताया गया किस तरह एक दूसरे का साथ देकर कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन कर सकते हैं जिससे कार्य करने की क्षमता दोगुनी होती है और उत्साह बढ़ता है ।तनाव प्रबंधन केविषय पर उन्होंने गतिविधियों के माध्यम से आपसी चर्चाकर कार्यस्थल तनाव प्रबंधन पर प्रतिभागियों की समझ को विकसित किया ।
कार्यशाला को सफल बनाने में शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय बिलासपुर के व्याख्याता श्री मनीष मंडावी का विशेष योगदान रहा ।कार्यक्रम का संचालन एवं आभार कम्युनिटी नर्स श्रीमती एंजलीना वैभव लाल द्वारा किया गया

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