मोदी 02 की बजट में मोदी 01 से लड़खड़ाई रोजी, रोजगार, सुरक्षा, महंगाई की समस्या दूर नही होगी — धनंजय सिंह
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन बजट पेश करने के तरीके को बदली लेकिन बजट से देशभर में फैली निराशा हताशा को उत्साहित करने में हुई असफल
रायपुर — प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मोदी 2 के बजट को मोदी के पहले कार्यकाल में फैली वित्तीय कुशासन के कारण किसानों, गरीब, मध्यमवर्गी, व्यापारियों, महिलाओं, युवाओं, अल्पसंख्यक वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग में फैली हताशा को खत्म करने में नाकाम बताया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट प्रस्तुत करने के ढंग को बदलने में सफल हुई, ब्रीफकेस की जगह लाल कपड़े में बंधी पोटली से बजट प्रस्तुत की लेकिन पोटली से बाहर देश की समृद्धि सर्वहारा वर्ग को चिंता मुक्त करने उपाय बाहर नही निकल पाई। सरकारी संस्थानों, उपक्रमो की दुर्गति सुधारने एवं उक्त संस्थानों में सेवा देने वालो की बेहतर कल की झलक नही दिखा बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी की सरकार के दौरान सरकारी कम्पनियों को बेचने का जो दौर शुरू हुआ वो मोदी 01 में भी दिखा, अब मोदी 02 में वित्तमंत्री सीतारमन ने सरकारी कम्पनियों की दुर्दशा सुधारने की बजाय, उन्हें बेचने के लिये द्वार पूरा खोल दिया। मोदी 02 में विमानन मीडिया और बीमा क्षेत्रो में एफडीआई बढ़ा कर भाजपा समर्थित उद्योगपतियो को लाभ पहुँचाने की स्पष्ट नीति दिखी।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि महिला वित्तमंत्री होने के बावजूद महिलाओ के स्वावलंबन सुरक्षा एवं शिक्षा, रोजगार के क्षेत्र में बढ़ते जेंडर गेप को पूरा करने कोई ठोस पहल बजट में नही की गई।