क्रॉनिक टोटल ओकलूजन सीटीओ (CTO) पर वर्कशॉप का आयोजन मेडिकल कॉलेज में ……मेडिसिन और कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट का संयुक्त आयोज़न
हैदराबाद से आए डॉ शरद रेड्डी ने हृदय धमनियों की रुकावट के उन्नत इलाज़ के बारे में जानकारी दी
रायपुर — छत्तीसगढ़ राज्य में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा अग्रणी रहे मेडिकल कॉलेज रायपुर का एक नया प्रयास कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट द्वारा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के टेलीमेडिसिन हॉल में 28 जुलाई 2019 को दिन भर चली क्रॉनिक टोटल ओकलूजन सीटीओ वर्कशॉप में हैदराबाद से आए डॉ शरद रेड्डी ने हृदय की ऐसी धमनियों की रुकावट जो कि 3 महीने से अधिक समय से शत-प्रतिशत बंद हो – क्रॉनिक टोटल ओकलूजन सीटीओ (CTO) के जटिल एवं उन्नत इलाज के बारे में बताया।
गौर करने की बात है कि जन सामान्य में जागरूकता की कमी होने के कारण अभी भी प्रदेश में हार्ट अटैक के रोगी एनजीओप्लास्टी और स्टंटिंग जैसी उन्नत उपचार को प्राप्त करने में महीनों की देर करते हैं और उनका सरल हार्ट की नस का ब्लॉक एक जटिल और कठिन क्रॉनिक टोटल ओकलूजन सीटीओ (CTO) बन जाता है।
एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के इस अभिनव पहल कार्यशाला से राज्य एवं अन्य राज्यों के कार्डियोलॉजिस्ट को ऐसी जटिल हृदय की धमनियों के ब्लॉकेज के इलाज की नई विधि का ज्ञान मिला और वह अब प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के मरीजों को लाभान्वित कर सकते हैं।
इस कार्यशाला में सम्मिलित होने के लिए महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रायपुर दुर्ग भिलाई के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट सम्मिलित हुए इस कार्यशाला में डॉ शरद रेड्डी ने 8 केस के माध्यम से सीटीओ के अलग-अलग प्रकार की जटिल हृदय की धमनियों की रुकावट को अलग-अलग तरीकों से कैसे खोला जा सकता है और उनकी एनजीओप्लास्टी कैसे की जा सकती है यह बताया।
इस कार्यशाला की यह विशेषता रही कि यह ओपन हाउस डिस्कशन के रूप में आयोजित की गई इसमें व्याख्याता को व्याख्यान के दौरान कहीं पर भी रोककर किसी भी प्रश्न को पूछने की छूट थी और इसमें किसी भी प्रकार से स्टूडेंट या कंसलटेंट या बड़े छोटे का भेदभाव नहीं हर किसी को व्याख्यान के किसी भी क्षण अपने मत प्रश्न या विचार को प्रकट करने की पूरी छूट थी और यह प्रयास था कि उन प्रश्न को उसी समय उत्तर दिया जा सके।
इस कार्यशाला में एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के कैथ लैब के टेक्निशियंस एवं नर्सिंग स्टाफ ने भाग लिया और क्रॉनिक टोटल ओकलूजन सीटीओ (CTO) के उपचार में विविध उपकरण एवं ज्ञान विज्ञान के बारे में जाना जिससे इस तरह के उपचार एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में रोजाना होना संभव होगा।
मेडिसिन और कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में अध्ययनरत रेजीडेंट डॉक्टर्स ने भी आयोजन में भाग लिया जिसमें उन्हें एक एनजीओग्राफी की सीडी को कैसे समझा जाए और उसमें ब्लॉकेज को कैसे मापा जाता है यह बताया गया और उन्हें आगे एंजोप्लास्टि द्वारा ब्लॉकेज हटाने की विधि के गुर बताए गए।
इस कार्यशाला का आयोजन डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव हेड डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी डॉक्टर के के साहू हेड डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोथोरेसिक सर्जरी डॉक्टर प्रोफेसर वीएन मिश्रा डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के नेतृत्व में किया गया था और इस आयोजन में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आभा सिंह और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. विवेक चौधरी ने टेलीमेडिसिन हॉल में सारी व्यवस्था संभव की थी।